खरौंधी: चालक आरक्षी संजीव दुबे खरौंधी थाना में पद स्थापित है वह रोजाना 200 – 250 गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहें है
योगेंद्र प्रजापति
खरौंधी: थाना मे लगभग एक वर्षो से अधिक समय से कार्यरत आरक्षी चालक संजीव दूबे गरीब बच्चों के बीच निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. आरक्षी चालक संजीव दूबे प्रतिदिन सुबह छः बजे से आठ बजे तक गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं. दो घंटे के समय मे पहला कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं.उनके द्वारा विद्यार्थियों को गणित, विज्ञान, हिन्दी, अंग्रेजी आदि विषय पढ़ाया जाता है. चालक आरक्षी संजीव दूबे लगभग 200 – 250 बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं. सभी बच्चे थाना के सामने फील्ड मे पढ़ते हैं. पढ़ने वाले सभी बच्चे थाना के आसपास भूंईया टोला, अमरोरा, सरहिया के हैं. इस दौरान पढ़ रहे किशन भूईया, पवन भूंईया, सीमा कुमारी,कुंती कुमारी, रंजीता कुमारी, दीपकिशोर यादव, सरदार सिंह, पंकज यादव आदि छात्र छात्राओं ने बताया कि हमलोग सिर्फ स्कूल मे पढ़ते थे. लेकिन जबसे नया थाना भवन मे सबलोग आए हैं तबसे हमलोग सुबह मे सरजी से पढ़ रहें हैं. विद्यार्थियों ने बताया कि सरजी से पढ़ने मजा आ रहा है. हमलोंगों को जो भी नहीं आता है सरजी सब समझाते हैं.बच्चों के द्वारा पूछने पर बताया गया कि सर जी के द्वारा हमलोंगों को मुफ्त मे पढ़ाया जाता हैं. इससे आसपास के लोग काफी खुश हैं.
भंडरिया थाना से ही बच्चों को पढ़ाते आ रहे हैं,पढ़ाने मे मिलता है शुकुन – संजीव दूबे: खरौंधी थाना के चालक आरक्षी संजीव दूबे ने बताया कि जब मै भण्डरिया थाना में था तब भी गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाते थे. इसके बाद खरौंधी थाना मे आने के बाद पुराना थाना भवन चंदनी गांव मे लगभग एक वर्षों तक 200 से अधिक बच्चों को पढ़ाया. इसके बाद सरहिया मोड़ स्थित नये थाना भवन मे आ गया. यहां पर गरीब बच्चे खेल रहे थे. उन्हें पढ़ने के लिए कहा तो वे तैयार हो गए. धीरे धीरे बच्चों की संख्या बढ़ती गई.उन्होंने बताया कि बच्चों को पढ़ाने मे शुकुन मिलता है.उन्होंने बताया कि नौकरी मे आने से पहले पलामू जिला के चैनपुर थाना अंतर्गत पुर्वडीहा गांव मे बच्चों को पढ़ाने का काम करते थे.2010 मे चालक आरक्षी के पद पर नौकरी मिला. जिसमे पहला पोस्टिंग रंका थाना हुआ था. इसके बाद भण्डरिया थाना मे 2019 मे पोस्टिंग हुआ. भण्डरिया से ही बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना शुरु किया. उन्होंने कहा कि भण्डरिया थाना मे जब गया तो थाना से बाहर 10 – 20 बच्चों को खेलते हुए देखा उनसे पुछा कि पढ़ाई क्यों नहीं करते हो तो बच्चों ने बताया कि हमारे गार्जियन के पास पैसा नहीं है इसलिए हमलोग सिर्फ सरकारी स्कूल मे पढ़ते हैं. तो हमने कहा कि हम पढ़ायेंगे आपलोग पढेंगे तो बच्चे तैयार हो गए. इसके बाद बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते गया. संजीव दूबे ने बताया कि मै अपने मन में समझता हू कि अपने बच्चे को पढ़ा रहा हूं. इसलिए मुझे बच्चों को पढ़ाने मे और हौसला मिलता है.