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40 डिग्री की गर्मी में महिला पुलिसकर्मी का फर्ज और ममता बन गया मिसाल।

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कोमल है तू कमजोर नहीं, तू मां भी है ममता भी है, तू लाचार नहीं तू संसार है, नारी तू ही दुनिया का आधार है। तू अम्बर है, तू जोश है । तू ही आत्मविश्वास तू ही धैर्य है। नारी तू जननी है, नारी तू शक्ति की सृजन है। नारी अपने कंधे पर भविष्य और मुट्ठियों में मजबूत हौसला रखती है। तभी तो धूप हो या तूफान, नारी मुस्कुराते हुए सब कुछ सह लेती है। जो इतनी भूमिका बांध रहे है.तो सोचिए । दरअसल नारी शक्ति का एक ऐसा परिचय झारखंड के गोड्डा जिला में देखने को मिला है.जहां एक मां बच्चे को गोद में लिए चिलचिलाती धूप में इलेक्शन ड्यूटी कर रही है..एक तरफ देश के लिए फर्ज दूसरी ओर बच्चे के लिए ममता। दोनों को एक साथ निभाते हुए, महिलाएं अपने काम को बखूबी निभा रही है। किसी ने सच ही कहा है, स्त्री अपने कंधो पर भविष्य लेकर चलती है. जब नारी की भृकुटी तनती है तो दूज का चंद्रमा भी डर के टेढ़ा हो जाता है। चिलचिलाती धूप और 40 डिग्री की गर्मी के बीच देश और मातृत्व का यही फर्ज मां को महान बनाता है.।

बच्चे गोद में लेकर ममता ड्यूटी कर रही थी शारदा।

आज गोड्डा में पहले चरण के चुनाव की काउंटिंग चल रही है।। जहां सुबह से ही IRB के जवान, पुलिस कर्मी एवं अन्य अधिकारी चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त किये गए है। इसी बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसे देख कर दिल से सलाम करने का जी चाहा। कोई चूक न हो, इसके लिए महिला पुलिस कर्मी भी तैनात है। अब आप सोचेंगे इसमें ऐसा क्या खास है, ड्यूटी तो सब कर रहे हैं। तो बता दें यहां सिर्फ महिला पुलिस कर्मी नहीं एक मां भी ड्यूटी कर रही है। गोद में बच्चे पर ममता बरसाती हुई ये महिलाएं देश की सुरक्षा में भी जी जान से लगी हुई हैं।

तस्वीर में दिख रही दो महिला पुलिसकर्मी आरती और शारदा है। दोनो गोड्डा के मतगणना केंद्र की ड्यूटी के मुस्तैदी से तैनात थी। आरती खूंटी की रहने वाली है और शारदा रांची जिले की। आरती एक हाथ में बच्चे को पकड़े हुए है तो दूसरे में छाता। छाता इसलिए की बच्चे को धूप _ लू न लग जाए। परिवार के साथ साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी को निभाते देख लोग तारीफ करते नहीं थक रहे है।इन दोनो महिला पुलिसकर्मी की तैनाती मतगणना केंद्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए किया गया है।

रात में ड्यूटी करनी होती तो भी बच्चे को साथ लेकर आती है।

दोनों महिला पुलिस कर्मियों ने कहा कि कंधे पर बच्चे को रखकर घंटों ड्यूटी करना मुश्किल तो है, पर बच्चे को छोड़ें कहां? मां के बिना बच्चा रहता भी तो नहीं है और कोई मां अपने बच्चे को छोड़े भी तो कैसे.. भी तो नहीं सकती है। 

नारी के इसी जस्बे को देख कर कहा जा सकता है, अंदर से रोती है बाहर से हंसती है.. बार बार बिखर कर ये नारी तू कैसे सब कर लेती है.. सच में मां का प्यार और ममता कमाल है। आरती और शारदा जैसे हर मां को द voiceover का सलाम।


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