रमना: मुंबई मे मजदूरी करने गया युवक की हुई मौत, दो महीने में हुई पांच मजदूरों की मौत, पलायन रोकने में नाकाम साबित हो रही है जिला प्रशासन
सैकड़ो की संख्या में मजदूर प्रतिदिन कर रहे है पलायन.
दिनेश कुमार गुप्ता|रमना
प्रखंड के कर्णपुरा निवासी मुरारी राम के 50वर्षीय पुत्र श्यामसुंदर राम मजदूर के मौत बुधवार को महाराष्ट्र के मुंबई में हो गया.वह दो माह पूर्व मजदूरी के कार्य करने गया था.जिसके क्रम में उसकी मौत हो गई.इधर शव को पूरी प्रक्रिया पूरी कर शव को घर लाया जा रहा है.जिसके जानकारी के बाद परिजनों में मातम का माहौल है.
मजदूरों को रोकने के नाकाम है प्रशासन,दो महीने में प्रखंड के पांच मजदूरो की हुई मौत :जिला प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद प्रखंड के हजारों मजदूर दिल्ली,गुजरात, महाराष्ट्र,चेन्नई, पुणे सहित अन्य बड़े शहरों में मजदूरी का कार्य करने पर मजबूर है.जिसके दरम्यान लगातार मजदूरों का मौत होना एक आम बात हो गई है.इधर प्रशासन मजदूरो को रोकने में अभी तक नाकाम साबित हुई है.जिसके कारण लगातार मजदूरों का पलायन के बाद लगातार मजदूरों का मौत का खबर सुनने को मिल रहा है.मालूम हो कि इसके चार दिन पूर्व मडवनिया पंचायत अंतर्गत कोरगा निवासी जोखू राम के 40 वर्षीय पुत्र संजय भुईयां की मौत चेन्नई में हो गया था.इसके पूर्व 30 जुलाई को प्रखंड के टंडवा निवासी जमुना सिंह मजदूर के 19वर्षीय पुत्र राजा सिंह के मौत महाराष्ट्र के नासिक में हो गया था.इसी तरह सात जुलाई को मुख्यालय सह भगत सिंह चौक निवासी अभय ठाकुर के 19 वर्षीय पुत्र ईश्वरी ठाकुर का पांडीचेरी में मौत हो गया था.ईश्वरी ठाकुर डीबीएल कंपनी में कार्य कर रहा था.जिसके एक सप्ताह पूर्व बहियार खुर्द निवासी लालमन राम मजदूर उम्र 58 वर्ष की मौत चेन्नई में हो गया था.लालमन राम अपने घर से मात्र एक माह पूर्व मजदूरी के लिए निकला था.
वर्ष में करोड़ों का हो रहा है मनरेगा कार्य,फिर भी हो रहा है पलायन : प्रखंड में मनरेगा के तहत प्रति वर्ष करोड़ो का कार्य किया जा रहा है फिर भी पलायन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.इस संबंध में बीडीओ ललित प्रसाद सिंह ने बताया की मजदूर अपने स्वेक्षा से बाहर में मजदूरी करने जाते है.मनरेगा के तहत लोगो को मजदूरी का कार्य दिया जा रहा है.