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गढ़वा: जल जीवन मिशन के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

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गढ़वा: आमंत्रण बैंक्वेट हॉल विद्या सिटी मॉल चिनिया रोड गढ़वा में जल जीवन मिशन के तहत एक जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मंचासीन उपायुक्त गढ़वा रमेश घोलप एवं मंत्री के प्रतिनिधि एवं विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के विधायक प्रतिनिधि तथा सांसद प्रतिनिधि समेत जिला स्तर के विभिन्न पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रबंधन गढ़वा तथा राज्य से आए स्टेट कंसलटेंट एवं स्टेट आईसी कोऑर्डिनेटर आदि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के विभिन्न अवयवों के साथ-साथ ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। जल जीवन मिशन के तहत राज्य के सभी ग्रामीण परिवारों को कार्यशील घरेलू नल से जल (एफएचटीसी) उपलब्ध कराने का अभियान चलाया जा रहा है। कार्यपालक अभियंता पीएचईडी प्रदीप कुमार सिंह द्वारा मंच संचालन करते हुए कार्यशाला में आए सभी लोगों का अभिवादन किया गया एवं कार्यशाला के मुख्य उद्देश्यों से लोगो को अवगत कराया गया। तत्पश्चात बताया कि झारखंड राज्य में एफएचटीसी कवरेज मात्र 30.34% है एवं गढ़वा जिला का एफएचटीसी कवरेज 29.59% है। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन में शेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों, पंचायत के प्रतिनिधियों, जिला स्तर के पदाधिकारियों एवं जलसहियाओं के बीच आपसी समन्वय एवं क्षमतावर्धन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

उपायुक्त गढ़वा श्री घोलप द्वारा मंच साझा करते हुए कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हर घर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता एवं ठोस तथा तरल कचरा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। उपायुक्त रमेश घोलप द्वारा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा इस मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई एवं कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, जलसहिया एवं पंचायतों के प्रतिनिधियों से सामूहिक प्रयास करते हुए मिशन की सफलता में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने बताया कि गढ़वा जिले में पानी की समस्या का निराकरण करना पहली प्राथमिकता है। अतः इस स्कीम की प्राथमिकता बढ़ जाती है। उन्होंने इस मिशन के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा किए गए कार्यों के लिए कहा कि गढ़वा की स्थिति बुरी नहीं, तो अच्छी भी नहीं है। गढ़वा को इस क्षेत्र में लीड करने की आवश्यकता है। जो भी कार्य किए जाने हैं उन्हें गुणवत्तापूर्ण एवं पूर्ण ख्याल रखते हुए ससमय पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। साथ ही हर घरों में शुद्ध पेयजल के साथ-साथ स्वच्छता की ओर ध्यान देते हुए फाइव स्टार (5 Star) रेटिंग में पहुंचाने की बात कही गई। उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, जलसहियाओं तथा विभिन्न प्रखंड विकास पदाधिकारियों को लोगों में जागरूकता फैलाते हुए शुद्ध पेयजल के लाभ बताने हेतु कहा। साथ ही शुद्ध पेयजलापूर्ति हेतु बताया कि लोगों को कन्वींस करके उन्हें बताएं कि शुद्ध पेयजल हर एक मायने में उनके लिए लाभदायक है। शुद्ध जल से ही स्वस्थ जीवन संभव है। उपस्थित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, विभिन्न जनप्रतिनिधियों, जलसहियओं आदि से इस कार्यशाला में प्रशिक्षण लेने के बाद अपेक्षित सहयोग करते हुए इस कार्य में फाइव स्टार रेटिंग के लिए कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया ताकि इसके मुख्य उद्देश्यों की पूर्ति किया जा सके। इस प्रकार के कार्यों में शत-प्रतिशत सफलता हेतु प्रचार प्रसार व जागरूकता फैलाना अति आवश्यक है। उन्होंने सभी से आपसी समन्वय बनाते हुए इस कार्य में शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति करते हुए इसे धरातल पर उतारने की बात कही। मौके पर उपस्थित मंत्री के प्रतिनिधि, सांसद प्रतिनिधि एवं विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के विधायक प्रतिनिधि के द्वारा भी मंच साझा करते हुए अशुद्ध पेयजल के नकारात्मक प्रभाव एवं शुद्ध पेयजल के सकारात्मक लाभ के बारे में बताया गया। सिविल सर्जन गढ़वा डॉक्टर अनिल कुमार द्वारा अशुद्ध पेयजल के सेवन से होने वाले विभिन्न बीमारियों के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि 70% से ज्यादा बीमारी दूषित पानी पीने के कारण ही होता है। यदि हम अपने जीवन शैली में शुद्ध पानी को पीने हेतु प्राथमिकता सुनिश्चित करते हैं, तो बहुत सी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। डीआरडीए निदेशक एवं पंचायती राज पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सुरीन द्वारा भी जल जीवन मिशन के तहत इसके मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया एवं उपस्थित प्रखंड विकास पदाधिकारियों, जलसहियाओं एवं जनप्रतिनिधियों से कहा कि कार्यशाला के माध्यम से जो भी सीखें, उससे इस मिशन में आवश्यक सहयोग प्रदान करते हुए पेयजल की शुद्धता के साथ-साथ वाटर सस्टेनेबिलिटी को भी बनाए रखने हेतु लोगों को जागरूक करने को कहा। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से पानी की बर्बादी की जाती है, उसे रोकने हेतु लोगों को अपने घरों में सोखता आदि के माध्यम से पानी संग्रहण करना अतिआवश्यक है। यदि पानी रहेगा, तो ही शुद्ध पेयजल की कल्पना की जा सकती है। कार्यशाला में स्टेट कंसलटेंट कृष्णा कुमार द्वारा एवं स्टेट आईसी कोऑर्डिनेटर एसबीएम-जी मोहम्मद आजाद खान द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेयजल मुहैया कराने एवं ठोस तथा तरल कचरा प्रबंधन करने के विभिन्न उपाय एवं आवश्यक बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया तथा लोगों को इस मिशन के तहत इच्छित सफलता पाने हेतु विभिन्न नियमों एवं तरीकों को लोगों के साथ साझा किया गया। उक्त कार्यशाला में उपरोक्त पदाधिकारियों के अतिरिक्त जिला समाज कल्याण पदाधिकारी पूर्णिमा कुमारी एवं जिला शिक्षा विभाग, जिला जनसंपर्क विभाग, जिला स्तरीय अन्य विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मी समेत पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल, गढ़वा के सहायक अभियंता मुकेश कुमार एवं कनीय अभियंता सिकंदर प्रसाद, प्रखंड समन्वयक मोहम्मद नौशाद खान तथा विभिन्न पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थें।


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