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गढ़वा: बेटे की मृत्यु के बाद अपने तीन अनाथ पोतियों को लेकर पहुंची दादी, पढ़िये पूरी खबर!

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जनता दरबार मे समस्याओं को लेकर पहुंचे अनाथ बच्चियों को मिला सरकारी योजनाओं का लाभ


तीन दिनों में मिशन वात्सल्य, स्कॉलरशिप सहित अन्य सरकारी योजनाओं के तहत किया गया लाभान्वित

अतुलधर दुबे

गढ़वा: उपायुक्त रमेश घोलप के द्वारा समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में दो अनाथ बच्चियों एवं एक अनाथ बच्चे को सरकारी सहायता के तहत झारखंड सरकार की जनकल्याणकारी योजना महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, बाल प्रयोजन (स्पॉन्सरशिप) के तहत मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण सेवाएं योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया।

विदित हो कि गढ़वा जिला अंतर्गत बरडीहा प्रखंड के ग्राम सलगा निवासी अनाथ बच्चियों की दादी माँ जसमतिया देवी ने बच्चियों के पालन पोषण की चिंता-फिक्र लेकर जनता दरबार में उपायुक्त के समक्ष आवेदन समर्पित कर बताया था कि बबीता कुमारी, 14 वर्ष एवं अंशु कुमारी, 12 वर्ष, दोनों के पिता स्वर्गीय नरेश रजवार एवं माता स्वर्गीय मीना देवी बिल्कुल अनाथ हैं। इनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है। एक बूढ़ी दादी माँ के सहारे इन बच्चों का देखरेख किया जाता है। दोनों के लालन-पालन के साथ-साथ इनके पठन-पाठन में दिक्कतें आती है।

अतः अनाथ बच्चियों के बेहतर शिक्षा हेतु अनुरोध किया गया था। उक्त मामले के संबंध में उपायुक्त श्री घोलप द्वारा पहल करते हुए अनाथ बच्चियों के समस्याओं से अवगत होकर सहायतार्थ उन्हें मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण सेवाएं अंतर्गत दोनों को 2-2 हज़ार रुपये प्रतिमाह की दर से 3 वर्षों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु अनुपूरक राशि प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

इसके अतिरिक्त सदर प्रखंड के चिरौंजिया निवासी एक अन्य अनाथ बच्चा नीरज ठाकुर, उम्र 12 वर्ष, कक्षा 5th, पिता- स्वर्गीय योगेंद्र ठाकुर एवं माता- स्वर्गीय बेबी देवी को भी मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण सेवाएं से जोड़कर 2 हज़ार रुपये प्रतिमाह की दर से 3 वर्षों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु अनुपूरक राशि प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई। अनाथ बच्चा नीरज ठाकुर अपने मौसी शीला देवी के साथ उपायुक्त से मिलकर अपनी समस्याएं सुनाई एवं पढ़ाई लिखाई में आ रहे परेशानियों से अवगत कराया।
बताते चलें कि सहायतार्थ मिलने वाली इस सहायता राशि को आवश्यकता अनुसार भविष्य में बच्चों को 18 साल के होने तक दी जा सकेगी।


प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना से किया गया आच्छादित

इसके अतिरिक्त प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत बबीता कुमारी, उम्र 14 वर्ष, कक्षा 6th को 2.5 हजार रुपए प्रति वर्ष एवं अंशु कुमारी, उम्र 12 वर्ष, कक्षा 5th को 1.5 हजार रुपए प्रति वर्ष देने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही बड़ी बहन बबीता कुमारी को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने की बात कही गई। उपायुक्त द्वारा अनाथ बच्चियों की सबसे बड़ी बहन उषा कुमारी के शिक्षा के बारे में पूछे जाने पर पता चला कि आठवीं क्लास तक पढ़ने के बाद पढ़ाई छोड़ दी है। उक्त बालिका उषा कुमारी द्वारा आगे भी पढ़ने की इच्छा जताने के बाद उपायुक्त द्वारा उसका भी नामांकन स्कूल में कराने का निर्देश दिया गया।


दादी माँ का बनाया गया गोल्डन कार्ड

बच्चियों की दादी माँ के ईलाज संबंधी समस्याओं से अवगत होकर उनके ईलाज हेतु जसमतिया देवी को 5 लाख रुपये तक मुफ्त ईलाज हेतु गोल्डन कार्ड प्रदान किया गया। साथ ही उपरोक्त सभी अनाथ बालक/बालिकाओं का भी गोल्डन कार्ड बनाने का निदेश दिया गया।

अनाथ बच्चियों के आवास संबंधित समस्या को दूर करने के लिए उप विकास आयुक्त गढ़वा श्री राय को अनाथ बच्चियों के दादा के नाम से आवंटित आवास को मृत्युपरांत दादी के नाम पर हस्तांतरित करने का निदेश दिया, ताकि आवास निर्माण हेतु मिलने वाली क़िस्त की राशि मे कोई कठिनाई न हो।

उपायुक्त द्वारा अनाथ बच्चियों के साथ आये दादी माँ एवं बच्चे के साथ आये उनकी मौसी से उनकी पढ़ाई लिखाई नियमित रूप से कराने के लिए कहा गया तथा सभी को मन लगाकर पढ़ने की सलाह दी गई। उपायुक्त श्री घोलप के द्वारा अनाथ बच्चों के माता-पिता के मृत्यु का कारण पूछा गया एवं उनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह ही करने की बात कही।

उक्त मौके पर उप विकास आयुक्त राजेश कुमार राय, जिला कल्याण पदाधिकारी, गढ़वा निलेश कुमार मुर्मू, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी साकेत कुमार पांडे, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अशोक कुमार नायक, सलगा पंचायत के मुखिया उमेश प्रजापति समेत अन्य लोग उपस्थित थें।


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