गढ़वा: राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होंगे गढवा का लाल राजीव भारद्वाज!
राजीव भारद्वाज अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय साहित्य में व्यंग भूषण पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
5 फरवरी 2023 को कबीर सेवा संस्थान नई दिल्ली की ओर से आयोजित होगा समारोह, राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होंगे
अतुलधर दुबे
गढ़वा: गढ़वा के रहने वाले राजीव भारद्वाज व्यंग लेखन के लिए पांच फरवरी 2023 को कबीर सेवा संस्थान नई दिल्ली की ओर से आयोजित समारोह में राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होंगे। वर्तमान भागमभाग के समय में जब लोग तनावग्रस्त रहते हैं, इस दौर में व्यंग लेखन से लोगों के होठों पर लगातार मुस्कान लाने में राजीव को सफलता हाथ लग रही है।
राजीव अपने लेखन के शौक के बारे में बताते हैं की ” जीवन के संघर्ष और कष्टों ने उन्हें हास्य लिखने को प्रेरित किया। क्योंकि आज के समय में रुलाना बहुत आसान है लेकिन हंसाना बहत मश्किल।
फणीश्वरनाथ रेणु हमारे प्रेरणा रहे हैं, इनकी आंचलिक रचनाओं ने ही मुझे लेखनी की क्षमता दी है। बचपन से पढ़ने में औसत रहने के कारण अपने आप को मैं हीन भावना से देखता था लेकिन जब मित्र मंडली में होता तो समसामयिक घटनाओं पर व्यंगात्मक रूप से चार लाइन बोलता था, मित्रों के द्वारा भी मुझे लेखनी की तरफ प्रोत्साहित किया गया।
मै हल्के फुल्के शब्दों और आंचलिक शब्दों का प्रयोग अपनी रचनाओं में करता हूं, फलस्वरूप आज के नौजवान भी मेरी रचनाओं को पढ़ कर कई बार मुझे बधाई देते हैं। मोबाइल युग में पस्तकों के प्रति आज की पीढी को लौटाना मेरा एकमात्र उद्देश्य है। साहित्य का बोलबाला हो यही लक्ष्य भी है। हल्के फुल्के विषयों पर इनकी व्यंग लेखनी शानदार है।
चाहे वो नब्बे के दशक का विवाह कार्यक्रम हो, चुनाव में कर्मियों के हालात, लोकल बस में यात्रा. मजनओं के हालात, पंचायत चुनाव, क्योंकि शिक्षक भी कभी शिष्य थे आदि रचना काफी मजेदार है। राजीव की कहानी भी अपने आप
में एक विद्यालय है। दसवीं करने के बाद दैनिक मजदूरी करते हुए इन्होंने पत्रकारिता और ग्रामीण विकास में स्नातकोत्तर किया।
शिक्षा में स्नातक किया। कई निजी विद्यालयों में पढ़ाने के बाद शिक्षा विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी की, इसके बाद बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन समिति में छः वर्षों तक कार्य किया। वर्तमान में वे झारखंड ग्रामीण जीविकोपार्जन समिति में प्रखंड परियोजना पदाधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं।