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गढ़वा : नथन चौधरी की हत्या की जांच सीबीआई से हो: अजय मेटल

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कन्हैया चौबे

गढ़वा : डंडा प्रखंड के जिला परिषद सदस्य अजय कुमार चौधरी उर्फ अजय मेटल सहित 18 अन्य को गढ़वा न्यायालय के द्वारा जमानत मिलने पर जिला परिषद सदस्य अजय मेटल ने खुशी जाहिर करते हुए। न्यायलय जिला जज गढ़वा का आभार व्यक्त किया है। इस मौके पर अजय मेटल ने कहा कि हम सभी को पूर्ण विश्वाश था की न्यायालय से इंसाफ मिलेगा और जिला न्यायाधीश द्वारा दुध का दुध और पानी का पानी कर के इस विश्वास को और मजबूत कर दिया और साबित कर दिया की सत्य परेशान हो सकता है लेकीन पराजित नहीं। बताते चले की मेराल थाना अन्तर्गत हासनदाग निवासी समाजसेवी नथन चौधरी का अपराधियों द्वारा हत्या कर दी गईं थी। जिसके बाद थाना प्रभारी लालबिहारी प्रसाद पुलिस दलबल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और अपने स्तर से निरक्षण करने के बाद मौखिक रूप से ग्रामीणों को बताए की प्रथम दृष्या ये मर्डर प्रतित होता है। इस घटना के बाद परिजनों ने हासनदग गांव के ही चार लोगो पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया था। समाजसैवी नथन चौधरी के हत्या के खबर सुनकर ग्रामीणों में उनके हत्यारों को गिरफ्तारी के लिए काफी आक्रोश था। जिसके बाद थाना प्रभारी लालबिहारी प्रसाद ने ग्रामीणों के समक्ष आरोपितो को गिरफ्तार करते हुए समझाते हुई कहे की इनको सख्त से सख्त सजा दिलाया जायेगा। कानून पर भरोसा रखिए। नथन चौधरी की हत्या की खबर को सुनकर घटना स्थल पर मेराल क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधिगण भी लोगो को समझाने बुझाने का प्रयास किया और प्रशासन को मदद करने का काम किया था। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिया भेजा गया। इसके साथ घटना स्थल से ही आरोपितो पर सख्त करवाई करेगें बोलकर साथ लेकर मेराल थाना ले गए। लेकिन आरोपियों को दुसरे दिन थाना से ही थाना प्रभारी लालबिहारी प्रसाद द्वारा छोड़ दिया गया। थाना प्रभारी करवाई करने बोलकर गए थे। वही छोड़ कैसे दिए इसी पर सवालिया निशान खड़ा हुआ और थाना प्रभारी लालबिहारी प्रसाद पर जनता का आक्रोश बढ़ा था। क्यों की यही थाना प्रभारी को गढ़वा जिले के दो अलग-अलग थाना के जनता द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने और जनता पर शोषण और अवैध तरीके से धन उगाही का शिकायत मिलती थी। जिसके बाद विभाग द्वारा निलंबित कर लाइन हाजिर किया गया था। मेराल थाना में आने के बाद भी इनके रवैया में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और मेराल थाना में भी जनता को शोषण और अवैध धन वसूली का शिकार होना पड़ रहा था।हासनदग की घटना कोई आम घटना नहीं थी यहां समाजसेवी की हत्या जैसा जघन्य अपराध था। जिससे ग्रामीणों में रोष था और जिसके बाद मेराल थाना प्रभारी के खिलाफ़ 20 अगस्त को शांति पूर्ण ढंग से एनएच 75 पर धरना दीया जा रहा था। कुछ देर बद डीएसपी मेराल थाना पहुंचकर प्रदर्शनकारियों का जायजा लिया। उसके बाद प्रर्दशन कर रहें लोगो को शांत कराते हुए बोले की अब बहुत नारा बाजी हो गया। अब अपलोग मेराल थाना ऑफिस में बैठकर अपनी मांगों को रखने के लिए पीड़िता के साथ प्रतिनिधी मण्डल आईए। जिसके बाद नारेबाजी बंद कर प्रदर्शकारी एनएच को खोलकर एक साइड खड़ा हो गए। प्रतिनिधी मण्डल डीएसपी से अपनी पीड़ा को बताने के लिए थाना परिसर के अन्दर जैसे ही घुसे पुलिस बल द्वारा सबसे पहले गढ़वा से ट्यूशन पढ़कर आ रहे एक छात्र के माथा के ऊपर प्रहार किया गया था। जो अपना माथा पकड़े थाना परिसर में गया। उसके माथा से निकल रहा खून को देख कर वहाँ खड़े इंस्पेक्टर से मेरी थोड़ी कहा सुनी हो गई, क्यों की उनके ही द्वारा प्रर्दशन कर रहें लोगो पर बल प्रयोग और भीड़ को हटाने की आक्रामक तेवर थोड़ी देर पहले हमने देखा और सुना था। जिसके बाद उनको हम अपने स्तर से संयम से काम लेने का आग्रह किया था। इसके बाद लोगो से शांति बनाए रखने का अपिल कर पुनः डीएसपी के साथ ऑफिस में बात चित करने के लिए गया। बात की शुरुवात हुई ही थी इतने मे एक पुलिस जवान डीएसपी को बताते है की पुलिस और पब्लिक में झड़प हो गई। उसके बाद हमलोग को वही छोडकर डीएसपी एनएच के तरफ़ गए। उसके बाद कई लोगो को पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियो के साथ राहगीरों को भी थाना में और थाना के बाहर बर्बरतापूर्ण लाठीयो से बड़ी बेरहमी से पिटाई की गई और झूठे मुकदमा कर जेल भेजा गया। इसी बिच हमलोग के साथ प्रतिनिधी मण्डल के पांच सदस्य को थाना से छोड़ दीया जाता क्यों की उन पांच लोगो पर सूबे के रशुखदारो का विशेष कृपा था। ये बात इसलिए बोल रहा हुं क्योंकि सुबह में उन पांच लोगो थाना से छोड़ दीया गया। दुसरे तरफ 500 अज्ञात लोगो पर मुकदमे के वजह से हासनदग के लोग पुलिस के डर से घर छोड़ कर डरे सहमे हुए है। जो गुनाह हमलोग किए नही उसकी सजा काट कर आज जेल से रिहा हुए। लेकीन इसी बिच निर्दोष लोगो को जमानत मिलने पर लोगो का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हम लोग के जेल जाने के लगभग एक महीने के अंदर न्याय के लिए सड़क पर संघर्ष करते हुए सभी दलों के नेताओं और न्याय प्रिय लोगों का भी विषेश आभार व्यक्त किया है। साथ ही सुबे के विधायक के ऊपर सवालिया निशान खड़ा किए हैं कि किस तरह जनता का चुना हुआ जनप्रतिनिधि जनता के ऊपर हो रहे शोषण और अपराधिक घटनाओं मूकदर्शक बनकर देख रहे थे। अंकुश लगाने के बजाय चुप्पी साधे हुए थे। इस चुप्पी का कारण क्या था। इस पूरे प्रकरण में कुछ गंभीर सवाल है। जिसका जबाब हम सभी न्याय प्रिय लोगों के साथ लोकतंत्र के चारो सतंभो में पदस्थापित जिमेवार नागरिकों को तलासने की जरूरत है। की नाथन चौधरी का हत्यारा कौन है। उनकी गिरफ़्तारी कब होगी।
क्या नाथन चौधरी के हत्यारो की गिरफ़्तारी के लिए प्रदर्शन संविधान के खिलाफ़ था।
लालबिहारी प्रसाद के उपर जो आरोप लगे है ओ झूठा है क्या।क्या मजबूरी हुई की लालबिहारी प्रसाद को पदभार मुक्त कर विभाग को कई बार लाइन हाजिर करना पड़ा। अगर प्रर्दशनकारी गुनहगार थे तो थाना से ही पांच लोगो को क्यूं छोड़ा गया। इसलिए जिप सदस्य अजय कुमार चौधरी ऊर्फ अजय मेटल ने सरकार से प्रदर्शनकारियो को न्याय दिलाने और नथन चौधरी के हत्यारो को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए सीबीआई से जांच कि मांग किया।


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