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गया:मुख्यमंत्री ने गया में देश के सबसे बड़े रबर डैम “गया जी डैम” का किया लोकार्पण, सीताकुंड जाने हेतु पुल भी किया जनता को समर्पित

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तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है— मुख्यमंत्री

इस पूरे क्षेत्र को गया जी कहते हैं इसलिए इस रबर डैम का नाम गया जी डैम रखा गया है- मुख्यमंत्री

पितृपक्ष मेला महासंगम 2022 का दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

पटना:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गया में फल्गु नदी में निर्मित गया जी डैम का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया तथा सीताकुंड जाने हेतु पुल का शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री देवघाट गए और वहाँ मंत्रोच्चार के बीच घाट पर पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री ने देवघाट में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फल्गु नदी में निर्मित गया जी डैम के उद्घाटन में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करता हूं। गया में देश के कई हिस्सों एवं विदेशों से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री पिंडदान के लिए आते हैं। गया का अपना विशेष स्थान है। गया मोक्ष की भूमि है। यहां हर वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन होता है। उन्होंने कहा कि जब हमने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था, उसके बाद ट्रेन से दिल्ली जाने के क्रम में एक महिला ने मुझसे कहा था कि पितृपक्ष मेले में व्यवस्था ठीक नहीं रहती है। हमने उनसे कहा कि हम उस पर ध्यान देंगे और वर्ष 2008 से पितृपक्ष मेले में सभी प्रकार की तैयारियां की जाती रही हैं। सारी सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है। पितृपक्ष मेले के दौरान 15 दिन में 6 से 8 लाख लोग यहां आते हैं। पितृपक्ष मेले की शुरुआत से पहले हम यहां हर वर्ष आते हैं और तैयारियों का जायजा लेते हैं। इस संबंध में हम अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बाहर से आने वाले लोगों को यहां सुविधा मिलेगी तो वे यहां की प्रशंसा बाहर भी करेंगे। पिछले दो साल से कोरोना का दौर चल रहा था जिसके कारण पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा था। फल्गु नदी में पानी खत्म हो जाने के कारण तीर्थयात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए देश के सबसे बड़े रबर डैम का निर्माण यहां कराया गया है। इसका नामकरण गया जी डैम किया गया है। अब फल्गु में कभी भी पानी खत्म नहीं होगा। कल से पितृपक्ष मेला शुरू हो जाएगा।
आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए फल्गु नदी में पूरे वर्ष पानी उपलब्ध रखने की व्यवस्था की गई है। फल्गु नदी में केवल रबर डैम नहीं बल्कि श्रद्धालुओं को सीताकुंड जाने के लिए फुट ओवरब्रिज का निर्माण भी कराया गया है। फल्गु नदी में गिरने वाले नाले को भी रोक दिया गया है और उसके लिए नाले का निर्माण दूसरी तरफ किया गया है ताकि नदी में गंदा पानी न गिरे। रबर डैम के निर्माण में 324 करोड़ रुपये की लागत आई है। आई0आई0टी0 रुड़की के तकनीकी विशेषज्ञों की भी सेवा ली गयी है। उन्होंने कहा कि गया पौराणिक जगह है। इस पूरे इलाके को गया जी कहते हैं इसलिए इस रबर डैम का नाम गया जी डैम रखा गया है। 15 दिन में विभाग के द्वारा पुल से सीताकुंड तक के पहुंच पथ का भी निर्माण कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल पहुंचाने की योजना काफी समय से मेरे मन में थी। वर्ष 2019 में जल – जीवन – हरियाली अभियान की शुरुआत की गई। जल है, हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है। गया, बोधगया, राजगीर और नवादा में गंगा जल शुद्ध पेयजल के रूप में हर घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया। गया, बोधगया में इसी साल हर घर में गंगा जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह काम काफी तेजी से किया जा रहा है। विभाग ने अक्तूबर के अंत तक यह योजना पूरा करने का भरोसा दिलाया है। राजगीर में गंगा जल शुद्ध पेयजल के रूप में पहुंचा दिया गया है। गंगा जल को दूर-दूर से लोग अपने घर लेकर आते हैं। अब आपके घर में ही गंगा जल उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि गया में पूर्वजों के पिंडदान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने हरित गुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंटकर किया। कार्यक्रम के दौरान योजना से संबंधित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता संजय कुमार तिवारी, कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता जितेंद्र कुमार, एस०एस०सी० लिमिटेड के संवेदक एवं प्रैक्टिबल इंजीनियरिंग प्राo लि0 के परामर्शी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन संपर्क मंत्री संजय कुमार झा एवं जल संसाधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता, सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, पर्यटन मंत्री कुमार सर्वजीत, सांसद विजय मांझी, पूर्व मंत्री सह विधायक प्रेम कुमार, विधायक अनिल कुमार सिंह, विधायक अजय कुमार, विधायक मंजू अग्रवाल, विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य मनीष कुमार वर्मा, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबरे, जिलाधिकारी त्यागराजन एस०एम०, मगध रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विनय कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, पंडागण एवं श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने देवघाट में कदम्ब वृक्ष का रोपण किया। कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने सीता कुंड जाने हेतु निर्मित पुल से पैदल यात्रा करते हुए सीताकुंड पहुंचकर माता सीता की पूचा-अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात् स्टीमर के माध्यम से मुख्यमंत्री गया जी डैम को पार कर वापस देवघाट लौटे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने विष्णुपद मंदिर परिसर में पितृपक्ष मेला महासंगम 2022 का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘तर्पण’ पुस्तिका का भी विमोचन किया ।

कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीता कुंड जाने के लिए जो पुल बना है, उसका नाम मां सीता पुल और पहुंच पथ का नाम मां सीतापथ रखा गया है।


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