एक गांव ऐसा भी जहाँ बिजली के तारों में सुखाया जाता है कपड़ा,अंधेरे में जीवन बसर कर रहे है ग्रामीण
लातेहार:- जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत धांगरटोला पंचायत के सुरकुमी गांव एक ऐसा गांव है जहाँ लोग बिजली के तार में लगातार चार वर्षों से कपड़ा सूखा रहे हैं.ऐसे लोगो को यह मामला हज़म नही हो रहा होगा।जो शहरी क्षेत्रों में रहते है.घर मे इन्वेंटर लगा हुआ है.लिहाजा बिजली कब आती है और चली जाती है.इसका पता भी नही चल पाता है.लेकिन इस भीषण गर्मी में बिजली नही होने का दर्द वही समझ सकते है.जिनकी रात तपती गर्मी में करवट बदलते कट रही होती है।
ग्रामीण लंबे समय से जोह रहे विधुत आपूर्ति बहाल होने की बाट
दरअसल जिस गांव की बात कर रहे है.वहां के ग्रामीणों का कहना है कि चार वर्ष पूर्व गांव में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा था जो अब तक अधड़ में अटका हुआ है.कहनें को तो यह भी कहा जा सकता है की वर्ष 2010 के बाद पंचायती राज लागू होने से गांव में ही इलेक्टेड( मुखिया, प्रमुख आदि) सरकार का अंग है.लेकिन स्थानीय लोगों की माने तो ऐसे इलेक्टेड लोग सेलेक्टेड लोगों के लिए काम कर रहे होते हैं.आज तक इन चार वर्षों में कोई भी प्रतिनिधि सम्बंधित विभाग को पत्र लिखकर विद्युतीकरण पुनः शुरू कराने की जहमत नही उठाई। शायद यही वजह है की जिम्मेदार अधिकारी कान में तेल डालकर कूलर और एसी की ठंडी हवा में चैन की नींद सो रहे होते हैं।
गांव में सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का भी टोटा
गांव के ग्रामीण बताते है की गांव में शौचालय, सड़क,शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं दमतोड़ रही है.लेकिन इन तमाम चीजों को नजरअंदाज कर विकास के नाम पर ग्रामीणों को सिर्फ ढकोसला दिया जा रहा है.बहरहाल लगभग छः वर्षों से भी ज्यादा वक्त के बाद गांव में चुनावी बिगुल फिर से बजा गया है.ख़ैर इस गांव के लोगों में इसका कोई खास उत्साह नज़र नही आ रहा है।
विकास कार्यों से कोशो दूर इस गांव के ग्रामीणों में नही दिख रहा पंचायत चुनाव का उत्साह
उत्साह नजर नही आने का मतलब जनप्रतिनिधियों की बखूबी समझ आ रहा होगा।बहरहाल जिस तरह से जनप्रतिनिधी फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर रोजाना विकास के नित नए आयाम गढ़ रहे है.उन्हें सोशल मीडिया से दूर कुछ समय निकालकर ऐसे इलाकों में वक्त बिताना चाहिए,ग्रामीणों की नाराजगी के मायने खुदबखुद समझ आ जाएगा।
गारू से उमेश यादव की ग्राउंड रिपोर्ट….