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गढ़वा: षड्यंत्र के तहत की गई पत्रकार की गिरफ्तारी, दोषी अधिकारियों पर हो कार्यवाई:शाहनवाज़ हसन

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झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने उपायुक्त एवं एसपी के समक्ष दर्ज कराई आपत्ति


गढ़वा।गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड में बीते 18 अगस्त को प्रशासन एवं पब्लिक के बिच पथराव के मामले में भीड़ को उकसाने का मामला पत्रकार मुश्ताक अंसारी पर एक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज कर उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर दो दिन पूर्व जेल भेज दिया। इस घटना को झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने गंभीरता से लेते हुए आज गढ़वा परिसदन में एक आपात बैठक बुलाई गई।बैठक में मौजूद पत्रकारों ने बताया कि पूर्व थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी एवं वर्तमान डीएसपी ने झूठा मामला दर्ज कर बदले की भावना से यह कार्यवाई की है।पत्रकारों ने संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन को बताया कि भ्र्ष्टाचार से जुड़े कई मामलों को पत्रकार द्वारा लगातार उजागर किया जारहा था।बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि जिला उपायुक्त एवं आरक्षी अधीक्षक के समक्ष संगठन द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराई जाएगी।
बैठक के उपरांत झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के पत्रकारों ने उपायुक्त एवं आरक्षी अधीक्षक के समक्ष लिखित ज्ञापन सौंप कर आपत्ति दर्ज कराई।प्रतिनधिमण्डल का नेतृत्व राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन, प्रदेश सचिव सियाराम शरण वर्मा, जिला अध्यक्ष प्रदीप चौबे, संजय पांडेय कर रहे थे जब्कि गढ़वा जिला से लगभग 45 पत्रकार साथी आज की बैठक में मौजूद थे।
प्रतिनधिमण्डल ने उपायुक्त श्री रमेश धोलप से यह मांग की वर्तमान थाना प्रभारी की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है,क्योंकि पीड़ित पत्रकार दुर्गा पूजा के दौरान लगातार उनके साथ ही थे इसके बावजूद उन्होंने एफआईआर दर्ज होने एवं वारंट जारी होने की कोई सूचना नहीं दी।उपायुक्त महोदय ने पूरे मामले की जांच उपरांत न्याय संगत कार्यवाई का आश्वासन दिया है।
संगठन के संस्थापक एवं श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज हसन ने गढ़वा आरक्षी अधीक्षक के समक्ष कहा कि पत्रकार भीड़ का हिस्सा नहीं होते,हालांकि उन्हें किसी भी घटना को कवर उसी भीड़ में रहकर करना होता है,यह उच्चतम न्यायालय ने कई बार मौखिक रूप से अधिकारियों को निर्देश दिया है।इस घटना को ध्यान मे रखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा से कहा कि जिले के किसी भी थाने मे किसी भी पत्रकार के ऊपर प्राथमिकी दर्ज होती है , तो स्वतः मामले को संज्ञान में लेकर पहले आप स्वयं इसकी निष्पक्ष जांच करें उसके बाद ही किसी पत्रकार की गिरफ्तारी हो।आरक्षी अधीक्षक ने प्रतिनधिमण्डल को आश्वस्त किया कि वे इस पर विचार करेंगे।


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