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भवनाथपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवनाथपुर में चिकित्सकों की कमी

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भवनाथपुर : तीन प्रखंडो के करीब ढाई लाख से अधिक आबादी लिए बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की लाईफ लाईन माने जाने वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवनाथपुर में चिकित्सकों की घोर कमी लोगों के स्वास्थ्य पर सवाल खड़ी कर रही है। चिकित्सकों के साथ संसाधनों की कमी भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं में बाधक है। लोगों को बेहतर इलाज मिल सके इसके लिए सरकार वादे तो कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की हकीकत कुछ और ही है। चिकित्सकों की कमी से मरीज धक्के खाने को मजबूर हैं। गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर महंगे इलाज कराना पड़ रहा है। इससे उनकी परेशानी दिन पर दिन बढ़ रही है।


अस्पताल में सृजित पद के अनुसार नही है, चिकित्सक: अस्पतालों में सृजित पद के अनुसार चिकित्सक तैनात नहीं किये जाने से मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना मुश्किल हो गया है। जानते चले कि 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के कुल 7 पद सृजित है। जहाँ वर्तमान में एकमात्र महिला चिकित्सक ही कार्यरत है। जबकि 6 चिकित्सकों की पद रिक्त चल रही है। ऐसे में मरीजों को ईलाज कराने में परेशानी होने के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है। किसी तरह अस्पताल प्रबंधन द्वारा एकमात्र विशेषज्ञ महिला चिकित्सक तथा आयुष चिकित्सक के सहारे अस्पताल संचालित हो रहा है। जबकि धुरकी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दिनेश सिंह को भवनाथपुर सीएचसी का अतिरिक्त प्रभार सौपकर किसी तरह इस अस्पताल को चलवाया जा रहा है।
यही हाल भवनाथपुर सीएचसी अंतर्गत आने वाले केतार, खरौंधी और हरिहरपुर पीएचसी का भी है। यहाँ के पीएचसी में 4 – 4 चिकित्सकों का पद सृजित है, लेकिन यहाँ किसी भी पीएचसी में एक भी चिकित्सको की नियुक्ति नही हो सकी है। चिकित्सको के कमी के चलते लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूप से नहीं मिल पा रही है।


इस संबंध में गढ़वा सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि भवनाथपुर सीएचसी और इसके अंतर्गत पीएचसी में चिकित्सको की भारी कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया गया है। सरकार द्वारा चिकित्सको की बहाली की जा रही है, जल्द ही यहाँ चिकित्सको की नियुक्ति कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जायेगी।


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