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श्री बंशीधर नगर: तीन दशक बाद भव्य और दिव्य वैष्णव महाकुंभ का होगा आयोजन: धीरेंद्र

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देश के कोने कोने से लाखों श्रद्धालु लेंगे भाग

प्रेस वार्ता में शामिल पदाधिकारी

श्री बंशीधर नगर : श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ समिति के लेखा पदाधिकारी धीरेंद्र चौबे ने कहा कि विंध्य क्षेत्र अंतर्गत कल कल निनादिनी पुण्यसलिला मां बांकी (श्री राधा रानी) की गोद में और बांकेबिहारी श्री बंशीधर जी की निरंतर बरस रही कृपा रूपी अमृतवर्षा से अभिसिंचित श्री बंशीधर धाम के पाल्हे जतपुरा में तीन दशक बाद एक बार फिर भव्य और दिव्य वैष्णव महाकुंभ के आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वह मंगलवार को यज्ञ स्थल पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

 

उन्होंने कहा कि हम सभी बड़भागी हैं कि भारत वर्ष के महान तपोनिष्ठ संत पूज्य श्रीलक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामीजी महाराज का संकल्पित चातुर्मास्‍य व्रत इस वर्ष झारखंड राज्य के विंध्य क्षेत्र के आंचल में बसे गढ़वा जिला अन्तर्गत श्री बंशीधर नगर के पाल्हे जतपुरा ग्राम में आयोजित होगा।

 

श्री चौबे ने कहा कि श्री वंशीधर भगवान के 32 मन की स्वर्ण प्रतिमा के लिये देश विदेश में चर्चित श्री वंशीधर नगर इस वर्ष श्री भाष्यकार श्री रामानुजाचार्य स्वामी जी के सहस्राब्दी जयंती स्मृति महामहोत्सव, पूज्य श्री जीयर स्वामी जी के चातुर्मास्‍य व्रत एवं 25 तलीय 25 अलग अलग यज्ञ मंडपों में आयोजित होने वाले 1051 कुंडात्मक श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के लिये भी जाना जायेगा। लगभग पांच महीने तक श्रद्धा भक्ति और आस्था रुपी त्रिवेणी के तट पर लगने वाले महाकुंभ में देश के कोने कोने से लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे।

 

उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ झारखंड के लिये ऐतिहासिक ही नहीं होगा बल्कि एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। भारत वर्ष के महान मनीषी ब्रह्मलीन संत परम पूज्य श्री त्रिदण्डी स्वामी जी महाराज के शिष्य पूज्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी के परिव्राजक जीवन का चातुर्मास्‍य व्रत प्रवास हर साल किसी एक स्थान पर ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास के पूर्णिमा तक होता है। इस वर्ष यह सौभाग्य विंध्य क्षेत्र की धरा पर अवस्थित पाल्हे जतपुरा ग्राम की पुण्य भूमि को प्राप्त हुआ है।

 

श्री चौबे ने कहा कि स्वामी जी के चातुर्मास्‍य व्रत समापन अंतर्गत 25 यज्ञ मंडपों में अलग अलग 1051 कुंडीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के लिये दिनांक 23-10-2023 को शोभा यात्रा (जल यात्रा) निकाली जायेगी तथा दिनांक 28-10-2023 को महा यज्ञ की पूर्णाहुति होगी। इस दौरान यज्ञ स्थल पर दिनांक 27-10-2023 को अखिल अंतर्राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें देश विदेश से आये हुए अनेक संत महात्माओं के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा।

 

पांच माह का होगा चातुर्मास्‍य व्रत

 

श्री चौबे ने बताया कि तीन दशक पूर्व सन् 1993 में जब पूज्य श्री त्रिदण्डी स्वामी जी महाराज का चातुर्मास्‍य व्रत प्रवास इस पावन धरती पर हुआ था तब भी पुरुषोत्तम मास होने के कारण पांच माह का चातुर्मास्‍य व्रत हुआ था। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष बाद ऐसा संयोग और सौभाग्य पुनः विंध्य क्षेत्र को प्राप्त हुआ है। उस ऐतिहासिक महायज्ञ की चर्चा आज भी जिले भर में होती है। महायज्ञ समिति की ओर से सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि तन मन और धन से सहयोग कर पुण्यलाभ अर्जन के साथ साथ 3 दशक पूर्व के इतिहास को दोहराने में अपना सर्वोच्च बहुमूल्य योगदान दें।

 

स्वामी जी के दर्शन के लिये देश के कोने कोने से आते हैं श्रद्धालु

 

श्री चौबे ने कहा कि पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज के अनुयायी देश भर में हर कोने में फैले हुये हैं जो चातुर्मास्‍य व्रत के दौरान स्वामी जी के दर्शन के लिये यज्ञ स्थल पर आते हैं। पूज्य श्री जीयर स्वामी जी आजीवन पर्णकुटी में निवास करते हैं, जिस हेतु यज्ञ स्थल पर पर्णकुटी बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि यज्ञ स्थल पर 80000 स्क्वायर फीट क्षेत्रफल में भव्य प्रवचन पंडाल का निर्माण भी किया जा चुका है। इस कथा पंडाल में अयोध्या, बक्सर, हरिद्वार एवं वृंदावन से आये हुये अनेक प्रवचन कर्ता संतों का प्रवचन होगा।

 

समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र चौबे ने क्या कहा जाने

 

समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र चौबे ने कहा कि 80 हजार वर्गफीट में भव्य वाटरप्रूफ पंडाल का निर्माण किया गया है। लगभग एक माह से 50 श्रम योगी पंडाल, पर्णकुटी और तोरणद्वार निर्माण में रात दिन जुटे हुये हैं। वास्तुशास्त्र के हिसाब से सारा निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रवचन पंडाल में अयोध्या, बक्सर, हरिद्वार एवं वृंदावन से आये हुये अनेक प्रवचन कर्ता संतों का प्रवचन होगा।

 

श्री चौबे ने कहा कि 80 हजार वर्गफीट में निर्मित पंडाल में 52 हजार 800 वर्गफीट में प्रवचन पंडाल में 40 हजार श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था है। पंडाल में ही 1500 वर्गफीट में पूज्य स्वामी जी महाराज की पर्णकुटी का निर्माण हुआ है। पंडाल में 3000 वर्गफीट में कथाव्यास के लिये मंच की व्यवस्था है।

 

उन्होंने कहा कि पंडाल में निर्मित 150 कमरों में 1500 साधु संतों के रहने की व्यवस्था है। पंडाल में 20 शौचालय और 30 नल जल की व्यवस्था है। साथ ही पंडाल में साधु संतों और आगन्तुक श्रद्धालुओं के लिये भोजनालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था है।

प्रेसवार्ता में यज्ञ समिति के संरक्षक शंभूनाथ शुक्ला, सचिव अनीश शुक्ला, उपाध्यक्ष अमित शुक्ला, मथुरा राम, उप कोषाध्यक्ष शिवनारायण चौबे, प्रदीप शुक्ला, उपसचिव नवनीत शुक्ला, सुनील चौबे आदि मौजूद थे।

 

 

कार्यक्रम विवरण

 

• पूज्य स्वामी जी का शुभागमन दिनांक 04-06-2023 को हरिद्वार से यज्ञ स्थल पर होगा। स्वामीजी के यज्ञस्थल पर पहुंचने पर हजारों श्रद्धालु भक्त उनका स्वागत करेंगे।

 

• दिनांक 05-06-2023 से यज्ञ स्थल पर प्रातः 7:00बजे से 8:00 बजे तक प्रातःकालीन मंगला आरती एवं सायं 5:00 बजे से 6:00 बजे स्वामी जी के श्रीमुख से प्रवचन होगा।

• स्वामी जी के चातुर्मास्‍यव्रत समापन अंतर्गत 25 यज्ञ मंडपों में अलग अलग 1051 कुंडीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा।

• श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के लिए दिनांक 23-10-2023 को शोभा यात्रा निकाली जायेगी तथा दिनांक 28-10-2023 को महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी।

 

• दिनांक 27-10-2023 को अखिल अंतर्राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन एवं संध्या में अंतर्राष्ट्रीय भजन संध्या का आयोजन होगा।


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