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गढ़वा: कौन है नबाब शहफ़त अली खान? जिन्हें आदमखोर तेंदुआ को मारने के लिए बुला रही वन विभाग!

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फाइल फोटो

अतुलधर दुबे

नबाब शहफ़त अली खान की चर्चा इन दिनों गढ़वा जिले के हर चौक चौराहे पर हो रही है। इन दिनों तेंदुए के खौफ में जी रहे जिलेवासी शहफ़त का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। विभाग द्वारा तेंदुए के आतंक को खत्म करने के लिए हैदराबाद के चर्चित शार्प शूटर शहफ़त अली खान की बुलाने की योजना है। वे कई राज्यो के वन विभाग के सलाहकार के तौर पर भी काम कर रहे है। लेकिन लोगो के मन में यह सवाल तेजी से उभर रहा है कि कौन है शहफ़त? शहफ़त को ही सरकार क्यों बुला रही ?

नबाब शहफ़त अली खान की चर्चा इन दिनों गढ़वा जिले के हर चौक चौराहे पर हो रही है। इन दिनों तेंदुए के खौफ में जी रहे जिलेवासी शहफ़त का बेसब्री से इंतजार कर रहे है। विभाग द्वारा तेंदुए के आतंक को खत्म करने के लिए हैदराबाद के चर्चित शार्प शूटर शहफ़त अली खान की बुलाने की योजना है। वे कई राज्यो के वन विभाग के सलाहकार के तौर पर भी काम कर रहे है। लेकिन लोगो के मन में यह सवाल तेजी से उभर रहा है कि कौन है शहफ़त? शहफ़त को ही सरकार क्यों बुला रही ?


तो आइए आपको बताते है क्या है कारण*: वन कर्मी जिन हथियारों का इस्तेमाल करते है उन्हें .303 रायफल या सेल्फ लोडिंग रायफल, जो 60 किलो वजन वाले औसत मानव के खिलाफ इस्तेमाल के लिए डिजाइन किए गए हैं। एक उग्र बाघ, तेंदुआ या हाथी को मारने के (जो आप पर हमला कर सकता है) आपको विशेष शिकार राइफलों की आवश्यकता होती है। इसके अलावे नवाव शहफ़त अली खान को जानवरों को ट्रैक करने का दशकों के अनुभव है और वे बखूबी जानवरो के व्यवहार और उनके तौर तरीकों से परिचित हैं। और ये ऐसी चीजें है जो सिखाई नही जा सकती। यही वजह है कि सरकार शहफ़त की सेवा चाहती है। नबाब साहब की की हथियार एक .458 मैग्नम राइफल और एक .470 डबल बैरल रायफल है। खान साहब जानवरो को मारने का फीस नही लेते है।

खान साहब की उपलब्धि
*1962 में वह सिर्फ 5 साल के थे, उस समय उन्हें रायफल शूटिंग में मेडल मिला था। यह उनकी पहली उपलब्धि थी।
* 1968 में आयोजित राष्ट्रीय खेल में 50 मीटर प्रोन पिप शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था, तब उनकी उम्र मात्र 11 वर्ष थी।
* बिहार के पच्छिमी चंपारण में एक आदमखोर बाघ ने 6 लोगो को मार दिया था। तब नबाब
शहफ़त अली खान ने उस आदमखोर बाघ को गोली मारकर उस क्षेत्र को बाघ के भय से मुक्त कराया था।
*एक पागल हाथी ने मैसूर में एक त्योहार के दौरान 12 लोगो को पटक कर मार डाला था, तब नबाब की उम्र मात्र 19 साल थी। उस वक्त हाथी को मारकर देश मे सुर्खिया बटोरी थी।
*2016 में नबाब ने 250 से ऊपर नीलगाय और हिरणों को गोली मारी थी।
*महारष्ट्र में नबाब ने 3 आदमखोर बाघ, 10 तेंदुआ, 300 जंगली सुअर तथा कुछ हाथी को मारा था।
*2017 में बिहार एक पागल हाथी ने 4 लोगो को मारने के बाद पागल हाथी झारखंड में घुसकर 11 और लोगो को पटक-पटककर मार दिया था। तब नबाब ने उस पागल हाथी को 10 मीटर दूरी से मारा था।
नबाब शहफ़त अली खान की टीम में कुल 8-10 लोग रहते है। इनमें से 4 आदमखोर बाघ को मारने में एक्सपर्ट है। झारखंड पुलिस के 2 या 3 काउंटर स्पेशलिस्ट को भी रंका क्षेत्र में तेंदुए के खिलाफ अभियान में रखा जाएगा। साथ ही वन विभाग के एक्सपर्ट टीम को तैनात किया जाएगा। तथा तेंदुआ को चारों तरफ से घेरा जाएगा और उसके मूवमेंट के साथ सटीक स्थल के साथ सटीक समय का इंतजार रहेगा।


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