गढ़वा जिले के सोन नदी नाव घाट में हुए मनमानी के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया।
अतुलधर दुबे
गढ़वा: जिले के सोन नदी नाव घाट में हुए मनमानी के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है। हरिहरपुर नाव घाट पर ग्रामीणों ने एकत्रित होकर मनमाने तरीके से हुए घाट की बंदोबस्ती के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए स्थानीय युवा समाजसेवी विकास दुबे के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय बीडीओ, सीओ, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष ने अपने चहेते लोगों से मिलकर मनमाने तरीके से घाट का बंदोबस्ती कराया है। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि इस घाट से 25 परिवार का आजीविका चलता है। लेकिन पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर अवैध पैसे की उगाही कर कुछ चंद लोगों को बालू घाट का बंदोबस्ती कर दिया ।
इससे करीब 25 परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया है। यहां तक कि पदाधिकारियों पर सेटिंग-गेटिंग का आरोप भी लगाया है। ग्रामीण अमर चौधरी, रामदेनी चौधरी, मनोज चौधरी, प्रेमचंद्र चौधरी, उमेश चौधरी, राजा चौधरी, मंटू चौधरी, रामप्रीत चौधरी, बिंदू चौधरी, राजकुमार चौधरी, नंदन कुमार चौधरी सहित अन्य ने कहा कि हमलोगों को बार-बार बुलाया जाता था और बिना कोई कारण बताए डाक को कैंसिल कर दिया था । हमलोग सिक्यूरिटी की राशि एक लाख 31 हजार एक सौ रुपये पहले ही जमा कर चुके हैं। वहीं बंदोबस्ती की पूरी राशि लेकर समाहरणालय पहुंचते हैं। सबसे ऊंची बोली 11 लाख रुपये भी हमलोगों ने बोली लगाई है। इससे अधिक बोली किसी ने नहीं लगाई । स्थानीय लोगों ने कहा कि बिना ग्राम सभा के बीडीओ, सीओ, प्रमुख अपनी मनमानी तरीके से दो लोगों को घाट आवंटित कर दिया। जब हम लोगों ने उसके बारे में सवाल किया अधिकारियों का कहना था कि जो होना था हो गया, अब कुछ नहीं होगा। ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद युवा समाजसेवी विकास दुबे ने कहा कि जिले में अराजकता बढ़ गई है। रिश्वत का बोलबाला है हर जगह पर पैसा की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस घाट से 25 घरों का आजीविका चलता है। उसके बाद भी कुछ अधिकारी कुछ जनप्रतिनिधि अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए यहां के गरीब नाविकों का रोजगार छीनने का काम किया है । उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों की मांग पर अगर प्रशासन कारवाई नहीं करती है तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा । जिला परिषद सदस्य ने कहा कि हरिहरपुर गांव घाट की बंदोबस्ती में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी अवहेलना किया गया। मनमाने ढंग से नाव घाट किसी खास लोगों का बंदोबस्त कर देना स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में यहां के लोग इस तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मौके पर रामधनी चौधरी, नंदन चौधरी, राजकुमार चौधरी, विपुल दुबे सहित बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।