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कांडी: विधि व्यवस्था का लिया जायजा

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साकेत मिश्र

कांडी(गढ़वा) : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय लमारी कला की विधि व्यवस्था का जायजा शुक्रवार को प्रखण्ड शिक्षा विभाग के विधायक प्रतिनिधि रामलाला दुबे ने लिया। बता दें कि श्री दुबे के साथ भाजपा मंडल महामंत्री शशिरंजन दुबे, पूर्व मुखिया सह भाजपा नेता विनोद प्रसाद, भाजपा नेता संतोष सिंह व ओमप्रकाश मेहता भी उपस्थित थे। विधायक प्रतिनिधि रामलला दुबे ने विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक नृपेंद्र कुमार सिंह से विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था, शौचालय, मध्याह्न भोजन व विद्यालय विकास फंड सहित अन्य कई मुद्दों पर बात की।

श्री दुबे ने विद्यालय में शौचालय का भौतिक सत्यापन करते हुए असंतोष प्रकट किया। वहीं भाजपा नेता संतोष कुमार सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट हो गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यहां के शिक्षक बेलगाम हो गए हैं। कुछ शिक्षक पढ़ाते हैं तो कुछ केवल गप्पे करते हुए अपने आप पर गर्व करते हैं। बच्चे लगातार विद्यालय से बाहर घूमते रहते हैं, जिनपर नजर रखने वाला कोई नहीं है। श्री सिंह ने मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया। कहा कि विद्यालय में एक दिन अंडा तो एक दिन फल का वितरण किया जाता है।

जिस दिन अंडा का वितरण किया जाता है, उस दिन फल खाने वाले बच्चे निराश होकर घर चले जाते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है।

शिक्षकों में आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण बच्चों के भविष्य पर भी असर पड़ रहा है। साथ ही कहा कि उक्त विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों की कुल संख्या 1 हजार 31 है, जिसमें छात्राओं की संख्या 500 से अधिक है। इस विद्यालय में केवल एक शौचालय है, जिसका दरवाजा भी क्षतिग्रस्त है, जिसमें सांप-बिच्छू को घुसने का भी डर हमेशा बना रहता है। छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या होने के कारण शौचालय में जाना बच्चों को अत्यंत दुर्लभ सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में विकास फंड की राशि आने के बावजूद भी छात्राओं के लिए युरिणीयल पॉइंट नहीं बन सका। जैसे-तैसे छात्राओं को खुले स्थानों पर जाना पड़ता है। वहीं विधायक प्रतिनिधि रामलाला दुबे ने प्रधानाध्यापक को विद्यालयी व्यवस्था सुधार कर आपसी सामंजस्य के साथ विद्यालय संचालन करने की बात कही। खाश बात तो यह कि उक्त विद्यालय में स्वच्छता नाम की कोई चीज है ही नहीं। बल्कि यों कहें कि उक्त विद्यालय गंदगी के ढेरों का अंबार बन कर रह गया है। गंदगी के कारण बच्चे व शिक्षक भी विभिन्न संक्रामक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। सवाल यह कि सरकार तो विद्यालय में विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं उपलब्ध करवा रही है, इसके बावजूद भी इस विद्यालय की हालात बद से भी बदतर है। जहां छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ शिक्षक खिलवाड़ कर रहे हैं।

 

इस सम्बन्ध में प्रधानाध्यापक नृपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पहले से विद्यालय की व्यवस्था काफी हद तक सुधरी है!

आगे भी बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा!


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