भवनाथपुर: प्रखण्ड में सरेआम रोड किनारे बेचे जा रहे संरक्षित पक्षी,खाने के लिए शौकीन दे रहे मुंहमांगी कीमत

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भवनाथपुर। प्रतिबंधित जानवरों एवं दुर्लभ पक्षियों के संरक्षण की सारी कवायदें प्रखण्ड क्षेत्र में कोई मायने ही नहीं रखतीं। चिडि़या खाने के शौकीनों की डिमांड पर प्रखण्ड क्षेत्र के बाजार में रोड किनारे धड़ल्ले से लालसर, बटेर, हारिल, तीतिर आदि संरक्षित पक्षियों का सौदा हो रहा है। पक्षियों के तस्कर शिकार कर इन दुर्लभ पक्षियों की तस्करी कर रहे हैं और शौकीन लोगों से इनके मांस की मुंहमांगी कीमत वसूल कर रहे हैं। पक्षियों की शिकार शिकारी प्रखण्ड क्षेत्र के टाउनशिप डैम, जंगलों सहित क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर शिकार कर भवनाथपुर के कर्पूरी चौक, केतार मोड़, टाउनशिप चौक के आसपास में खुलेआम सड़क किनारे बैठ कर बेचा जा रहा हैं। वहीं प्रतिबंधित जानवरों के शिकार बहेरवाखाड़ी, चेपली के जंगल, बरवारी, मंगरदह सहित अन्य जगह जंगलों में शिकारी द्वारा जाल बिछा कर शिकार करते हैं एवं चोरी छिपे उच्चे दामों में बेच देते हैं। कुछ माह पूर्व मकरी पंचायत के दूधमनियाँ जंगल में शिकारी द्वारा जाल बिछाया हुआ था। जिसमे जाल में फंस कर लकडबाघा जानवर कि मौत भी हो चूका है। बावजूद वन विभाग के द्वारा कोई कारवाई नही करने से शिकारियों का हौसला बुलंद हैं

ठंड में बढ़ती है डिमांड

पक्षीयों की मांस के डिमांड ठंड के दिनों में काफी बढ़ जाती है। क्योंकि माना जाता है कि इन पक्षियों का मांस बेहद गर्म होता है। जो अस्थमा, दमा व सांस की बीमारी आदि में बेहद फायदेमंद बताया जाता है। जबकि शौकीन अपने शौक में इनका मांस खा रहे हैं। ठंड शुरू होते ही पक्षियों की डिमांड होने लगती है। ऐसे में शिकारी लालसर, हारिल, तीतिर, बगेरी जैसी चिडि़यां आसानी से उपलब्ध करा देते हैं। इन पक्षियों के दाम की बात की जाए तो कीमत दो सौ रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक होती है।

क्या कहते हैं वन विभाग के अधिकारी

इस संबंध में पूछे जाने पर वन विभाग के अधिकारी रेंजर प्रमोद कुमार ठाकुर ने कहा कि हमलोगों की इसकी जानकारी नही है कि लोग प्रतिबंधित पक्षियों के शिकार कर रहे हैं चिन्हित कर के कारवाई करेंगे।


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