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विशुनपुरा । गढ़वा । छठ पूजा पर विशेष लेख, आज है छठ पूजा का दूसरा दिन, खरना के बाद शुरू होगा निर्जला व्रत

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अभय कुमार गुप्ता

बीते 28 अक्टूबर से छठ पूजा की शुरुआत हो गई है. छठ के व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है. मान्यता है कि जो महिलाएं छठ के नियमों का पालन करती हैं, छठी माता उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं. छठ पूजा में सूर्य देव का पूजन किया जाता है. आज इस पूजा का दूसरा दिन है. छठ पर्व का दूसरा दिन खरना कहलाता है. खरना का अर्थ होता है शुद्धिकरण. आइए आपको बताते हैं खरना के बाद क्या होता है.

आज से शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला उपवास

कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी को, नहाय खाय के साथ ये कठोर व्रत शुरू होता है. पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन होता है खरना, जब व्रती पूरी पवित्रता के साथ, सूर्य देव को अर्पित करने के लिए, मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जला कर, अपने हाथों से गुड़, चावल और दूध की खीर का प्रसाद तैयार करते हैं. इस साल खरना 29 अक्टूबर 2022 (शनिवार) को है. खरना के अगले दिन नंगे पांव पवित्र नदी तालाब की लहरों में उतरकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और चौथे दिन उगते सूर्य की उपासना के साथ आस्था के इस महापर्व का समापन होता है.

राम-सीता ने की सूर्य की पूजा

एक पौराणिक लोक कथा के अनुसार जब भगवान श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर लौटे तो राम राज्य की स्थापना की जा रही थी. कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन ही राम राज्य की स्थापना हो रही थी, उस दिन भगवान राम और माता सीता ने उपवास किया और सूर्य देव की आराधना की थी. सप्तमी को सूर्योदय के समय पुनः अनुष्ठान कर उन्होंने सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था. ऐसा माना जाता है, कि तब से लेकर आज तक यही परंपरा चली आ रही है.

खरना के दिन क्या करें क्या न करें

क्या न करें

1. अक्सर बच्चे बिना हाथ धोएं गंदे हाथों से खरना का सामान छू लेते हैं. तो भूलकर भी उस सामान का दोबारा प्रयोग न करें.

2. पूजा में बनने वाला प्रसाद पहले नहीं देना चाहिए.

3. छठ पर्व के दौरान पूरे चार दिन प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.

4. खरना वाले दिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, किसी भी चीज को हाथ धोए बिना ना छुएं.

5. छठ के दौरान महिलाओं को चार दिन तक पलंग पर नहीं सोना चाहिए, उन्हें जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए.

क्या करें

1. खरना पूजा का प्रसाद हमेशा ऐसे स्थान पर बनाना चाहिए, जहां रोजमर्रा का खाना न बनता हो.

2. खरना का प्रसाद बनने के बाद इसे सबसे पहले व्रती ग्रहण करें.

3. व्रती को शांत जगह पर बैठकर खरना का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए.

4. सूर्य को अर्घ्य दिए बिना कुछ खाना पीना नहीं चाहिए.

5. छठ पूजा के दौरान घर में झगड़ा न करें. खासतौर पर व्रती को किसी को भी अपशब्‍द नहीं बोलना चाहिए.


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