गढ़वा : पूर्व विधायक के साथ आधा दर्जन से अधिक गांव के रैयतों ने डीसी को सौंपा मांग पत्र
अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा देने की मांग
मुआवजा मिलने के बाद ही योजना में काम होने दें ग्रामीण: सत्येन्द्र
कन्हैया चौबे
गढ़वा। एनएच 75 सड़क का चौड़ीकरण और बाइपास सड़क के निर्माण में कुछ प्रशासनिक पदाधिकारी, संवेदक और स्थानीय जनप्रतिनिधि की मिलीभगत से रैयतों का अधिग्रहित भूमि का मुआवजा के लिए औने-पौने दाम के अनुसार आकलन किया गया है। उक्त बातें पूर्व विधायक सत्येन्द्रनाथ तिवारी ने कही। वह सोमवार को लातदाग, गोंदा, मेराल, लगमा, पोटमा, खुजरी, कल्याणपुर सहित अन्य गांवों के रैयतों के साथ डीसी से मिलने समाहरणालय पहुंचे थे। रैयतों ने भी डीसी के नाम आवेदन देकर योजना में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा की राशि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत भूमि का बाजार मूल्य के चार गुणा राशि के अनुसार कराने की मांग की है। पूर्व विधायक ने कहा कि एक साजिश के तहत भूमि का सर्वे गुपचुप तरीका से कर रिपोर्ट सरकार को भेजा गया। ताकि रैयतों को मुआवजा की राशि कम देना पड़े। उन्होंने कहा कि जिस जमीन का बाजार मूल्य आठ से दस लाख रूपए प्रति डिसमिल है। उस जमीन का रेट 12 हजार प्रति डिसमिल की दर से आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केन्द्र की भाजपा सरकार ने रैयतों के हित में भूमि अधिग्रहण कानून बनाकर बाजार मूल्य और सर्किल मूल्य दोनों में जो अधिक होगा। उस दर के चार गुणा अधिक मुआवजा देने का प्रावधान किया है। लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी रैयतों को इस कानून का लाभ लेने से वंचित करने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि कानून में स्पष्ट है कि जब तक योजना में अधिग्रहित किए गए भूमि के रैयतों का मुआवजा नहीं मिल जाता है, तब तक योजना में काम शुरू नहीं होगा। इन दोनों योजना के क्रियान्वयन में भू-अर्जन विभाग ने खुलेआम गाइडलाइन का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि जिले के डीसी से मामलें में गंभीरता दिखाते हुए रैयतों का अधिग्रहित किए गए भूमि का मुआवजा का आकलन के लिए एक कमेटी बनाकर पुन: सर्वे कराने की बात कही है। इसके अलावा 30-40 वर्षो से अधिक समय तक गैरमजरूआ भूमि पर रहकर खेती-बाड़ी करने वाले वैसे सभी रैयतों को रैयती भूमि के बराबर ही मुआवजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस मामलें में भी डीसी ने रैयतों की समस्या समाधान कराने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि जब तक रैयतों का संपूर्ण भमि का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक योजना में निर्माण कार्य नहीं होगा। इसके लिए उन्होंने ग्रामीणों को एकजुट रहने का आह्वान किया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे।