गढ़वा: एप्रोच सड़क नहीं बना तो, होगा आंदोलन: सत्येन्द्रनाथ
बाइपास सड़क के रैयतों ने मुआवजा वितरण में गड़बड़ी करने का लगाया आरोप, भू-अर्जन के गाइडलाइन का भी नहीं हुआ है अनुपालन
पतरिया-हुर सिवाना पर एप्रोच सड़क नहीं बना तो, होगा आंदोलन: सत्येन्द्रनाथ
अतुलधर दुबे
गढ़वा। पूर्व विधायक सत्येन्द्रनाथ तिवारी ने कहा कि सदर प्रखंड के पतरिया-हुर सिवाना स्थित बाइपास सड़क में मिलाने के लिए अगर एप्रोच सड़क नहीं बना तो आंदोलन करेंगे। उक्त स्थल पर अगर एप्रोच सड़क नहीं बनाया जाएगा तो ग्रामीणों को बाइपास सड़क पर जाने के लिए 10 से 15 किमी की दूरी तय करना पड़ेगा। वह गुरूवार को ग्रामीणों के शिकायत के आलोक में उक्त सिवाना पहुंचे थे। डुमरिया, मसूरिया, पतरिया, कुड़ी, कमता सहित गोवावल क्षेत्र के अन्य गांव और डंडा प्रखंड के ग्रामीणों का मांग है कि पतरिया-हुर सिवाना पर एप्रोच सड़क बनाया जाए। ताकि अगल-बगल के सभी ग्रामीणों का बाइपास सड़क का लाभ मिल सके। मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि ग्रामीणों का एप्रोच सड़क की मांग पूरी तरह से जायज है। इस मामलें में वह डीसी से मिलकर पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक के उदासिनता के कारण ग्रामीणों को केन्द्र सरकार की योजनाओं का भी लाभ से वंचित होने की संभावना बढ़ गई है। ग्रामीणों ने पूर्व विधायक से बाइपास सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित किए गए भूमि के मुआवजा में भी गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि बाइपास सड़क के ठेकेदार स्थानीय मंत्री से साठगांठ कर सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित किए रैयतों का जमीन का मुआवजा का आकलन में ही घालमेल कराया है। इसमें ग्रामीणों को करोड़ो रूपए का नुकसान उठाना पड़ा है। इस खेल में भू-अर्जन विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मी तक संलिप्त है। साथ ही बाइपास सड़क में मुआवजा के दौरान भू-अर्जन कार्यालय की ओर से कई गाइडलाइन का अनुपालन किए बगैर मामलें को निष्पादित कर दिया गया। जिसके कारण रैयतों का उचित मुआवजा नहीं मिल पाया। बाइपास सड़क के किसी भी रैयत को बाजार भाव के दर से मुआवजा का भुगतान नही किया गया है। स्थानीय मंत्री के सहभागिता के कारण सभी रैयतों के जमीन को सिर्फ कृषि योग्य भूमि के रूप चिन्हित करते हुए सरकारी दर से मुआवजा का भुगतान होने से रैयतों को करोड़ो रूपए का नुकसान कराया गया है। उन्होंने कहा कि पतरिया-हुर सिवाना पर अगर एप्रोच सड़क नही बनेगा तो आने वाले दिनों में उक्त स्थल लूटपाट का अड्डा बन जाएगा। मौके पर अगल-बगल गांव के काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।