विशुनपुरा । गढ़वा । ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया
विशुनपुरा । गढ़वा । इस्लाम को मानने वालों ने विशुनपुरा प्रखंड मुख्यालय में जुलूस निकालकर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया गया. जिसमे पतागड़ा, मधुरी अमहर गांव के लोगो ने भाग लिया। यह दिन इस्लाम को मानने वालों के लिए काफी खास एहमियत रखता है. इस दिन इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था. वहीं इसी दिन उनकी मृत्यु भी हुई थी.
मधुरी गांव के सदर हसमत अली अंसारी ने बताया कि ईद-ए-मिलाद-उन-नबी त्योहार को ईद-ए-मिलाद या मालविद के नाम से भी जाना जाता है. भारत के साथ ही दुनियाभर के कई देशों में इसे मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं. इस दिन मोहम्मद साहब के जन्मदिन के खास मौके पर जुलूस निकाला गया है।
इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार दुनिया भर में मनाया जाता है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों में आज ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाई गई।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का इतिहास
मुस्लिम समुदाय के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने की 12 तारीख को पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था. इस्लामिक मान्यता के अनुसार पैगंबर साहब का जन्म 517 ईस्वी में उनका जन्म हुआ था. बताया जाता है कि सबसे पहले ईद-ए-मिलाद का त्योहार मिस्त्र में मनाया गया था. वहीं 11 वीं शताब्दी के आने के साथ ही पूरी दुनिया में इसे मनाया जाने लगा.
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का महत्व
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के खास मौके पर कई जगहों पर जुलूस निकाले जाते हैं तो कहीं पर मस्जिदों में नमाज अता की जाती है. इस दिन खास तौर पर मस्जिदों को सजाया जाता है और पवित्र ग्रंथ कुरान सको पढ़ा जाता है। वहीं मोहम्मद साहब के संदेशों का प्रसार किया जाता है. इस खास मौके पर पारंपरिक स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं और गरीबों में बांटा जाता है. मान्यता है कि इस खास मौके पर दान और जकात करने से अल्लाह खुश होते हैं परिवार में बरकत होती है। इस मौके पर विशुनपुरा मुखिया प्रतिनिधि प्रवीण यादव पतागड़ा काला के सदर इसरार हुसैन, अमहर खास के सदर सुभान अंसारी,शौकत अली, नसमुदिन अंसारी, अबास अंसारी, उल्फत अंसारी, मुफ़्ती अब्दुल रहीम, कलीम अंसारी, मोहम्मद राजा, कमरूदीन अंसारी ज्ञासुदीन अंसारी सहित कई लोगो ने जुलूस में भाग लिया।