गढ़वा: बदले की भावना से पत्रकार की गिरफ्तारी, जेजेए ने बनायी आंदोलन की रणनीति
गढ़वा। गढ़वा जिला के मेराल थाना क्षेत्र के अंर्तगत हसनदाग निवासी नाथन चौधरी की हत्या की गयी थी।हत्या के बाद मेराल थाना में पदस्थापित तत्कालीन थाना प्रभारी लाल बिहारी प्रसाद द्वारा दल बल के साथ घटना स्थल से शव को अपने कब्जे में लिया गया था। साथ ही, हसनदाग के ही चार लोगों की शक के आधार पर गिरफ्तारी की गयी थी। इस हत्याकांड को लेकर हत्याकांड का उद्भेदन करने के लिए डिजिटल मीडिया के पत्रकार मुश्ताक अंसारी नाथन चौधरी के घरवाले से लेकर ग्रामीणों से तहकीकात कर अपनी रिपोर्ट लगातार प्रसारित कर रहे थे। इस दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी लाल बिहारी प्रसाद द्वारा हत्याकांड के आरोपियों को दूसरे दिन ही छोड़ दिया गया, जिसकी सूचना मिलते ही ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया। ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने मोटी रकम लेकर आरोपियों को रिहा किया है। तत्पश्चात ग्रामीणों ने थाना प्रभारी के खिलाफ योजना बना कर लगभग 400 ग्रामीण थाना का घेराव करने गये।
स्थानीय ग्रामीण शांति पूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन कर ही रहे थे कि मेराल स्थित एक व्यक्ति पर पुलिस प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज कर दिया गया। इससे हासनदाग के लोग तो विरोध में थे ही, लेकिन इस लाठीचार्ज की घटना के बाद मेराल से बड़ी संख्या में लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गये। अब ग्रामीणों की संख्या 400 से बढ़ कर 10000 से ऊपर की संख्या में हो गये, जिससे मेराल थाना में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। नौबत यहां तक आ गयी कि ग्रामीणों तथा पुलिस प्रशासन में पथराव तक हुआ, आंसू गैस के गोले तक दागे गये।
इस समय डिजिटल मीडिया के पत्रकार मुश्ताक अंसारी थाना के अंदर थाना प्रभारी के साथ ही मौजूद थे। वह उनके सामने ही न्यूज कवर कर रहे थे। उग्र भीड़ को काबू करने के लिए लगभग 10 थाने के पुलिस को बुलाया गया। कुछ पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों के वाहन को लाठी डंडे से मार कर वहां जितने भी वाहन थे, सभी को क्षतिग्रस्त कर डाला। पुलिस की इस कार्रवाई को भी पत्रकार मुश्ताक अपने फोन से कवर कर रहे थे।
प्राप्त सूचना के अनुसार एसडीपीओ तथा एसपी के कहने पर थाना प्रभारी के आदेशानुसार अंचलाधिकारी अंगरनाथ स्वर्णकार ने 21 नामजद तथा 400 से 500 तक अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया, जिसमें पत्रकार मुश्ताक पर भीड़ को उकसाने के मामले में मुख्य आरोपी बना कर प्राथमिकी दर्ज की गयी।
इस मामले में थाना प्रभारी द्वारा न्यायालय से वारेंट लेकर शुक्रवार को पत्रकार मुश्ताक को जेल भेज दिया गया।
पूरे प्रकरण को भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की झारखण्ड इकाई ने गंभीरता से लेते हुए मामले को पलामू डीआईजी के समक्ष भी उठाया था। गढ़वा परिसदन में पत्रकार मुश्ताक के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजनेवाले सभी सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पलामू प्रमंडल के पत्रकारों की बैठक बुलायी है।इस बाबत प्रदेश सचिव सियाराम शरण वर्मा और गढ़वा जिला अध्यक्ष प्रदीप चौबे ने कहा है कि आवयश्कता पड़ने पर मुख्यमंत्री से लेकर न्यायालय तक संगठन न्याय दिलाने तक संघर्ष जारी रखेगा।