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बिशुनपुरा । गढ़वा । वृद्धा पेंशन में नाम डिलीट हो जाने से प्रखंड के बुजुर्गों का जीवन हो रहा प्रभावित

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अभय कुमार गुप्ता

बिशुनपुरा । गढ़वा । विधवा बृद्ध महिला मानव देवी 10 वर्षो से पेंशन के लिए भटक रही है. तो कोई पेंसन योजना से नाम हट जाने से परेशान है. पेंसन मिलने से वृद्धों को परिवार के सदस्यों का सहारा भी नहीं मिल रहा है. वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. प्रशासन एक ओर पेंशन राशि के माध्यम से वृद्धों को सहायता देने का दावे तो कर रहा लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही दिख रही है.

कोई नही है सहारा

विशुनपुरा पंचायत की 75 वर्षीय वृद्ध महिला मनवा देवी ने बताया कि लगभग 10 वर्षो से पेंशन के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे है लेकिन अभी तक पेंशन नही मिल पाई है.इन्होंने बताया कि घर में कमाय वाला कोई नइखे पति के मृत्यु हो गइल बा हमर कोई बाल बाचा नइखे, दस साल से दउड़त ही हमरा पेंसन नइखे मिलत बाबू कोई नइखे सुनत.
मनवा देवी ने बताया कि पति के देहांत हो जाने के बाद जीवन यापन के लिए कोयी काम भी करने से असमर्थ हो गयी हु. अब हमारी शरीर पूरी तरह थक चुकी है. पेट की भूख मिटाने के लिए पड़ोस में भीख मांग कर खाती हु. मानव देवी ने बताया कि इस बृद्धा काल मे एक पेंशन ही सहारा है वह भी नही मिल पारहि है. मनवा देवी के पड़ोस के लोगो ने बताया कि इनके पति की मृत्यु लगभग पांच वर्ष पूर्व हो चुका है. अब इनका कोई सहारा नही है.

प्रखंड में ऑनलाइन डाटा के अनुसार लगभग 800 बृद्धा पेंशन डिलीट कर देने के कारण बृद्ध लोग दर दर भटक रहे है।वहीं विशुनपुरा पंचायत के संध्या गांव निवासी 71 वर्षीय राजेन्द्र यादव ने बताया कि मेरा और मेरी 66 वर्षीय पत्नी अकली देवी का पेंसन बिना सत्यापित किए डिलीट कर दिया गया. पेंशन डिलीट हो जाने के कारण चार महीना का बकाया पेंसन 8000 हजार रुपये भी नही मिला. उन्होंने बताया कि हम दोनों दम्पति पेंसन के पैसे से अपनी बीमारी का इलाज करवाते थे. घर की माली हालत खराब है. अब हमलोग इलाज कैसे कराएंगे ये सोचकर मेरी पत्नी की तबियत और खराब हो चुकी है. उन्होंने बताया कि इस बार की पेंशन की पैसा से नया चश्मा खरीदना था. लेकिन पेंशन नही आने से टूटे चश्मे को रस्सी से बांधकर पहन रहे है उन्होंने बताया कि जिंदगी की इस पड़ाव में दुनिया धुंधली ही नजर आ रही है।

मालूम हो कि पिछले दो माह से बृद्धा पेंसन बिना फिजिकल भेरीफिकेसन किए लगभग आठ सौ से अधिक लोगो का पेंसन सूची से नाम डिलीट कर दिया गया है. जिसमें राजेन्द्र यादव व अकली देवी जैसे लोगो का नाम शामिल है. जिला उपायुक्त गढ़वा के निर्देशानुसार प्रखंड कार्यालय से ब्यक्ति की सत्यता की जांच कर फर्जी पेंशनधारियों को चिन्हित कर वृद्धा पेंसन से वंचित करना था. लेकिन यहां 70 वर्ष की बृद्ध का भी पेंशन डिलीट कर दिया जारहा है. इससे पेंशन के योग्य लाभुक भी वृद्धा पेंसन के लाभ से वंचित हो जारहे है.

राजेन्द्र यादव की वोटर आईडी व आधार कार्ड में 71 वर्ष है. वहीं ऑनलाइन चेक करने पर 63 वर्ष बता रहा है. वहीं अकली देवी की वोटर आईडी व आधार में 66 वर्ष है. लेकिन ऑनलाइन चेक करने पर 45 वर्ष है. यही कारण है कि ऑनलाइन डाटा के अनुसार लगभग 800 लोगो का पेंसन डिलीट हो चुका है. जिसमे फर्जी लोग भी पकड़े गये है. लेकिन राजेन्द्र यादव व इनकी पत्नी अकेली देवी वृद्धा पेंसन के योग्य लाभुक होते हुए भी ऑनलाइन आईडी डाटा के अनुसार पेंसन रद्द कर दिया गया. वहीं फिजिकल भेरीफिकेसन किया गया होता तो योग्य लाभुकों को वृद्धा पेंसन से वंचित नही होना पड़ता.


बीएलओ की गलती का दंश झेल रहे बृद्ध

मतदाता सूची (वोटर आईडी) का कार्य बीएलओ द्वारा कराया जाता है. इन्ही लोगो द्वारा व्यक्ति की उम्र और फिजिकल भेरीफिकेसन कर रिपोर्ट तैयार कर विभाग को दिया जाता है. वर्ष 2019 के बाद के रिपोर्ट में बीएलओ द्वारा किसी की उम्र कम तो किसी की उम्र ज्यादा कर दिया गया. इन्ही की गलती का खामियाजा वृद्ध को भुगतना पड़ रहा है.

इस सम्बंध में बीडीओ हीरक मन्ना केरकटा ने कहा कि अगर किसी योग्य लाभुक का पेंशन केंसिल हो गया है तो आधार एवम मतदाता पहचान पत्र लेकर कार्यालय में प्रस्तुत करें, वही मनवा देवी का पेंशन हेतु कागजात लेकर पेंशन स्वीकृति कर दि गयी है।


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