पटना: पूज्य रघुवंश बाबू जैसा नेता बिरले जन्म लेते हैं–उपमुख्यमंत्री
पटन: रघुबंश बाबू जैसे नेता बिरले जन्म लेते हैं।वे सच्चे समाजवादी थे।संघर्ष करते और कार्यकर्ताओं मे जोश भरते थे।उन्हें मैन ऑफ मनरेगा के रूप मे देश जानता है।मेरे पिता लालू प्रसाद जी से उनका रिश्ता कैसा था वे सब जानते हैं।उन्होंने अपनी जमीन और संस्कृति को कभी नहीं छोड़ा।समाज से हमेशा जुड़े रहे।लोगों की आवाज़ को सदन मे उठाने मे हमेशा आगे रहे।वे आज हमारे बीच नहीं हैं मगर उनका आदर्श और सिद्धांत, यादें हमसब के बीच अमर रहेगी जो लोगों के लिये प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सभी समाजवादी एक जुट हुए हैं।मिल कर आगे बढ़ेंगे और कामयाब होंगे।2024 मे साम्प्रदायिक शक्ति को सत्ता से बाहर कर दम लेंगे।
पूर्व राज्यपाल निखिल सिन्हा ने स्वर्गीय रघुबंश बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रघुबंश बाबू विकाश पुरुष थे उन्हें मनरेगा और ग्रामीण सड़कों के लिये याद किया जाएगा।मनरेगा उनकी सोच थी।उन्होंने ही ग्रामीण सड़क का जाल बिछाने की सोच दी और इसके लिये काम किया।उनके पास सबके लिये आदर और सम्मान की भावना थी।वे बिना भेद भाव के सब से मिलते और उनकी समस्याओं का समाधान निकालते।
श्री सिन्हा ने कहा कि 1980 के बाद दो विचार धारा धर्मनता और समाजवाद देश मे बढ़ रही है।उन्होंने कहा की गर्व से कहो हम हिन्दू हैं।मगर ज़रूरी है कि हम हिन्दू धर्म के अचार विचार को सही ढंग से जाने।उन्होंने कहा कि वे भी हिन्दू हैं । अच्छे हिन्दू हैं।अच्छे हिन्दू किसी दूसरे धर्म के लोगों के साथ नफरत नहीं करते।हिन्दू धर्म तो वासुदेव कुटुम्बकम् की बात कहता है।उन्होंने कहा कि मुल्क मे दूषित वातावरण बनाया जा रहा है।ऐसे लोगो के विचारों से देश को बचाएं।
सभापति बिहार विधान परिषद देवेश चंद ठाकुर ने श्रद्धांजलि सभा एवम स्मृति व्यख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि रघुबंश बाबू मे सत्ता की चमक का कोई असर नहीं देखा।जैसे जैसे वे सत्ता की ऊंचाई पर पहुंचते गए उनमें उतना ही अधिक सादगी बढ़ती दिखी।उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू ज़मीर वाले व्यक्ति थे।
राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि रघुवंश नारायण जी हमसब के आदरणीय नेता थे।वे समाजवाद आंदोलन और छात्र आंदोलन के मजबूत कड़ी थे।उनके प्रयास से ही उनके क्षेत्र में 950 किलो मीटर सड़क मे 650 किलो मीटर सड़क उनकी देन है।देश के विकाश मे उनकी मज़बूत भूमिका थी।समाज के अंतिम लोग उन्हें आदर और सम्मान की नज़र से देखते थे।उन्होंने कहा कि आने वाला दिन समाजवाद विचार का होगा।
शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रघुबंश बाबू हमसब के प्रेरणा स्रोत थे।उनके बताए हुए मार्ग से समाजवाद की धारा को मजबूती दी जा सकती है।
पूर्वमंत्री शिवानंद तिवारी ने रघुबंश बाबू से जुड़े कई संस्मरण को याद दिलाया कहा कि उन्होंने रघुबंश बाबू को सक्षम मंत्री के रूप मे काम करते देखा है।उन्होंने मनरेगा की योजना देश को दी थी जो आज तक चल रही है।उन्होंने कहा कि आज देश को बचाने की चुनोती है।देश की संविधान, जनतंत्र एवम वोट के अधिकार पर हमले हो रहे है।हमसब को मिल कर इस चुनौती का सामना करना है।
पूर्वमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा की रघुबंश बाबू के कथनी और करनी मे सामंजस्य था।उन्होंने कहा कि जब हम अपने देश के महापुरुष की मूर्तियों को देखें तो उनको याद कर उनके जीवन से प्रेरणा लेने की चेस्टा करें।
पूर्व मंत्री रामचन्द्र पूर्वे ने रघुबंश बाबू के साथ बिताए दिनों की याद दिलाई और कहा कि उनका कहना था कि संघर्ष के बिना संगठन अधूरा है।वे लंबे समय तक सांसद, विधायक एवम कई महत्व पूर्ण पदों पर रहे।उनके संसदीय जीवन पर पुस्तक लिखी जानी चाहिये।
इस अवसर पर पुर पूर्वमंत्री यथा श्री श्याम रजक, अशोक कुमार सिंह, शिवचंद्र राम, विधायक यथा मुन्ना यादव, सिद्धार्थ पटेल, सुदय यादव,पूर्व विधायक प्रेमा चौधरी, शक्ति सिंह यादव, विधान पार्षद रामबली चंदबंसी ने भी अपने विचारों को रखा एवम रघुबंश बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित की।