पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव का हुआ ऐलान, 10 अक्टूबर से शुरू होगा मतदान
पटना. बिहार में नगरपालिका चुनाव का ऐलान हो गया है. राज्य के 224 नगरपालिका में चुनाव होना है. राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने शुक्रवार को चुनाव के तारीखों की घोषणा की. इसके तहत राज्य के सभी नगर निकायों यानी नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत आदि के चुनाव होने. पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर को 156 नगरपालिका क्षेत्रों में मतदान होगा. पहले चरण का नामांकन 10 सितम्बर से 19 सितम्बर तक चलेगा. इसमें कुल 37 जिलों में मतदान होगा. पहले चरण में 3346 वार्इडों में मतदान होगा है. इसकी मतगणना 12 अक्टूबर को होगी. द्वितीय चरण में 16 अक्टूबर से नामांकन होगा और 20 अक्टूबर को मतदान होगा. मतों की गिनती 22 अक्टूबर को होगी. इस बार 21 नवगठित नगरपालिका में भी चुनाव होंगे. पटना में निकाय चुनाव की घोषणा के तहत दानापुर,खगौल, मसौढ़ी, संपतचक,मोकामा, फुलवारी शरीफ, पटना, बख्तियारपुर, बिहटा, बाढ़,पालीगंज,फतुहा और पुनपुन में पहले चरण में 10 अक्टूबर को मतदान होंगे . वहीं पटना नगर निगम में 20 अक्टूबर को मतदान होगा. दूसरे चरण के मतदान में पटना नगर निगम समेत 17 निगमों में दूसरे चरण में मतदान होगा. 23 जिलों के 2 नगर परिषद और नगर पंचायत के कुल 1529 वार्डो में डाले जाएंगे वोट। इसमें 7084 बूथ पर वोटिंग होगी. शहरी निकायों में मतदान में कुल 17 नगर निगम, 70 नगर परिषद, 137 नगर पंचायत के 4875 वार्डो में वोट डाले जाएंगे. वोटिंग के लिए कुल 14049 मतदान केंद्र बनाए गए. कुल 5875 लोकेशन पर मतदान केंद्र रहेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने अगले महीने प्रस्तावित नगरपालिका आम चुनाव में प्रत्याशियों की चुनावी खर्च की सीमा निर्धारित कर दी है। आयोग के अनुसार नगर पंचायत में वार्ड पार्षद अधिकतम 20 हजार रुपये तो नगर निगम क्षेत्र में अधिकतम 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। इसी तरह नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये तक अधिकतम खर्च कर सकेंगे।
नगर निगम के वार्ड पार्षद पद के लिए आबादी के अनुसार खर्च की सीमा तय की गई है। नगर निगम क्षेत्र में चार से दस हजार आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होगी, जबकि दस से बीस हजार की आबादी वाले वार्ड में 80 हजार रुपये तक चुनाव में खर्च किए जा सकेंगे।
वहीं बिहार में नगर निकाय आम चुनाव 2022 में दो बच्चों के माता-पिता ही उम्मीदवार हो सकते हैं। दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। नियम में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतान हैं और वे इनमें से किसी को गोद दे देते हैं, तो ऐसी स्थिति में भी उस बच्चे के जैविक पिता वही कहलाएंगे। जिस व्यक्ति ने गोद लिया है, वे उसके पिता नहीं माने जाएंगे।