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खरौंधी: दवा दुकानों में एक्पायरी दवा बिक रहा है

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खरौंधी:  प्रखंड अंतगर्त खरौंधी बाजार की दवा दुकानों में एक्पायरी दवा बिक रहा है। दवा दुकानदार एक्सपायर कर गई दवाओं पर करेंट मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी तिथि का स्टीकर चिपकाया हुआ दवा बेचकर रोगियों/लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार खरौंधी बाजार के दवा दूकानों को एक कथित थोक दवा विक्रेता के द्वारा दवा दिया जाता है। जिसमें उसके द्वारा जीवन रक्षक दवा के एक्सपायरी होने के बाद उसपर नया डेट का स्टीकर चिपकाकर बेचा जाता है। सबसे बड़ी बात है उक्त कारगुजारी का जो दवा पकड़ा गया है वह एक दूधमुंहे बच्चे को सर्दी बुखार के लिए दिया गया था। यह मामला बैतरी गांव निवासी संतोष कुमार यादव के दुधमुंहे बच्चे के साथ हुआ है। संतोष ने इसकी लिखित शिकायत ड्रग इंस्पेक्टर से की है। जिसमें मामले की जांच कर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

 

क्या है मामला :-शिकायतकर्ता संतोष कुमार यादव ने बताया कि वह अपने दुधमुँहे बच्चे के सर्दी एवं बुखार की दवा कराने के लिए अंजन मेडिकल स्टोर में गया था।जिसमें अंजन मेडिकल स्टोर के मालिक अंजन कुमार गुप्ता ने बच्चे की दवा करते हुए लेबोरेट, टोक्स ओ एवं अन्य दवा दिया।

इसके बाद संतोष ने बच्चे को दवा पिलाई। लेकिन कोई सुधार न होकर बच्चे की और भी स्थिति खराब होने लगी। बच्चे की स्थिति में कोई सुधार न होकर और खराब होते देख संतोष ने दवा की तहकीकात की तो देखा कि दवा के मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट की जगह पर करेंट मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट का स्टीकर साटा हुआ है। जब संतोष ने (लेबोरेट लिखा हुआ) दवा का स्टीकर हटाया तो देखा की नीचे एक पुराना स्टीकर है जिस पर मैन्यूफैक्चरिंग सितंबर 2019 और एक्सपायरी सितंबर 2021 का डेट अंकित है। जिसके ऊपर सितंबर 2023 मैन्यूफैक्चरिंग और सितंबर 2025 एक्सपायरी डेट का नया स्टीकर चिपकाकर बेचा जा रहा है। आनन फानन मे संतोष ने दूसरे चिकित्सक के पास जाकर अपने दुधमुंहे बच्चे की दवा कराई।

 

क्या है विशेषज्ञों की राय :- गढ़वा के फेमस शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक तिवारी ने कहा कि एक्सपायरी डेट की दवा का इफिशिएंसी (क्षमता) कम हो जाती है। प्रभावशीलता में कमी के कारण रोगों पर असर नहीं करता अथवा जितना असर करना चाहिए उतना असर नहीं करता। फलतः रोगियों में सुधार नहीं होता। चूकि दवा की प्रभावशीलता कम होने के कारण रोगियों के ईलाज में दवा का असर कम होता है और अपेक्षित सुधार नहीं हो पाता है। ऐसे में कभी भी समय पर एवं सही दवा के अभाव में रोगी की स्थिति बिगड़ भी सकती है। गढ़वा के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ जेपी सिंह ने बताया कि दवा की पोटैंसी कम होने के कारण दवा रोगों के विरुद्ध काम नहीं करता है। मरीज की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाता। इसका कुछ साईड इफेक्ट भी हो सकता है।

 

इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। पीड़ित व्यक्ति ने शिकायत की है। दवा दुकान से एक्सपायर डेट की दवा बेचना गलत है। वह कल ही इसकी जांच करेंगे। षियों का विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


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